Jhajjar's Jeetu killed in an encounter: How a player became a most wanted criminal, the story of his father's murder and eviction of his family

एनकाउंटर में मारा गया Jhajjar का जीतू: एक खिलाड़ी से कैसे बना मोस्ट वांटेड अपराधी, पिता के मर्डर और परिवार के बेदखली की कहानी

झज्जर रोहतक

हरियाणा के Jhajjar का निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू, जो एक समय का वेटलिफ्टर और जिम मालिक था, अब उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। वह अपने करियर की शुरुआत में कई मेडल जीतने वाला खिलाड़ी था, लेकिन बाद में अपराध की दुनिया में घुसकर वह मोस्ट वांटेड बदमाश बन गया।

खिलाड़ी से अपराधी बनने की कहानी:

  1. खेलों में था रुचि, जिम भी चलाता था:
    जीतू का खेलों में गहरा रुचि था और वह वेटलिफ्टिंग में माहिर था। रोहतक में उसने अपना जिम खोल लिया था और प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। उसकी मेहनत रंग लाई और उसने ऑस्ट्रेलिया में दो बार मेडल जीतने में सफलता हासिल की।
  2. 2016 में हुई हत्या:
    वह एक बार गांव में सरपंच के चुनाव में अपने उम्मीदवार की हार से गुस्से में था। उसने पिस्टल के साथ सरपंच रामबीर के घर में घुसकर उसे और उसके पिता को गोली मारकर हत्या कर दी। इस कृत्य के बाद वह फरार हो गया और अपराध की दुनिया में कदम रख दिया।
  3. परिवार से बेदखल होने का अनुभव:
    जीतू के चाचा, जय प्रकाश, बताते हैं कि हत्या के बाद उसके पिता ओमप्रकाश ने उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया था। परिवार ने उसे एक बार बेल दिलाने की कोशिश की, लेकिन जब वह सुधरा नहीं, तो फिर उसे छोड़ दिया गया। जीतू का परिवार उसे कई सालों से नहीं देख सका और पुलिस के एनकाउंटर के बाद उनके लिए वह बहुत पहले मर चुका था।
  4. जतिन भी फंसा:
    जीतू का चाचा बताते हैं कि जब हत्या की घटना घटी, तो उनके बेटे जतिन भी उस वक्त जीतू के साथ था। इस कारण वह भी मामले में फंस गया था और अब भौंडसी जेल में बंद है।
  5. जीतू का परिवार:
    जीतू की पत्नी और बेटा रोहतक में रहते हैं। उनका बेटा भी पहलवान जैसा दिखता है और अब 14-15 साल का हो चुका है। उसकी माँ आंखों की डॉक्टर हैं, जबकि जीतू के पिता दिल्ली ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (DTC) से रिटायर हो चुके हैं।
  6. सरपंची पर विवाद:
    जीतू ने जिस सरपंच का मर्डर किया, वह परिवार के लिए था। उनके दादा और अन्य सदस्य 20 साल तक गांव में सरपंच रहे थे। यह हत्या शायद इसलिए हुई क्योंकि जीतू को अपनी पसंद का सरपंच नहीं मिला।
  7. 2016 में सरपंच का परिवार गांव छोड़ गया:
    जीतू द्वारा हत्या किए गए सरपंच का परिवार 2016 में गांव छोड़कर चला गया। लोग बताते हैं कि जीतू के घर से तीन घर छोड़कर ही सरपंच का घर था, जहां हत्या हुई थी।

जीतू की कहानी एक समय के खिलाड़ी से एक खतरनाक अपराधी बनने तक की है, जो अंत में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। परिवार ने भी उसे अपनी जायदाद से बेदखल कर दिया था और अब उसकी मौत को एक बुरे अध्याय के रूप में देखा जा रहा है।

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