मोहन लाल बड़ौली

हरियाणा में सरकार की उपलब्धियां गिनाते समय BJP अध्यक्ष की फिसली जुबान, बोले- हमारा प्रयास है कि देश में गरीब बढ़ें

झज्जर

हरियाणा में BJP के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली की शनिवार को झज्जर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जुबान फिसल गई। सरकार की उपलब्धियां गिनाते-गिनाते यह हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने गरीबों की उत्थान के लिए बहुत से काम किए हैं। देश में गरीबों की संख्या बढ़ें, ऐसा हमारी सरकार का प्रयास है। सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ कांग्रेस पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चों को रोजगार देकर उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का काम किया है। गरीब परिवारों को बैंक से लोन की सहायता देकर गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का काम भी पार्टी ने किया है। गरीबों के उत्थान के लिए हमारी सरकार ने बहुत से काम किए हैं। देश से गरीबों की संख्या बढ़े, इस प्रकार के प्रयास हमारी सरकार के हैं और इनको हम जारी रखेंगे।

कांग्रेस ने  देश और प्रदेश की जनता के साथ बहुत धोखा किया- बड़ौली

बड़ौली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश और प्रदेश की जनता के साथ बहुत धोखा किया है। बड़े-बड़े पाप किए हैं। हमने वह दौर देखा है जब कांग्रेस की सरकार में हर रोज बड़े-बड़े करोड़ों के घोटाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि BJP की सरकार ने सरकारी पैसे का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का काम किया है। जिन्होंने भ्रष्टाचार किया, उनको सरकार ने पकड़ने का काम किया। इसके साथ उन्हें कानून ने सजा भी दी है।

हरियाणा की अनुमानित 2.8 करोड़ आबादी में से 1.98 करोड़ लोग यानी कि करीब 70 प्रतिशत लोग ‌BPL (गरीबी रेखा के नीचे) श्रेणी में आते हैं। बीपीएल श्रेणी में आने वाले लोगों को राज्य सरकार के कई लाभ मिलते हैं, जिसमें प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं/बाजरा) मुफ्त में दिया जाता है। इसके अलावा हर महीने 40 रुपए में दो लीटर सरसों का तेल और 13.5 रुपए में 1 किलो चीनी प्रति बीपीएल कार्ड दिया जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि 70 लाख लोग पिछले 2 साल में बीपीएल कैटेगरी में और जुड़े।

दिसंबर 2022 में लगभग 1.24 करोड़ लोगों (कुल आबादी का 44 प्रतिशत) को इस श्रेणी में सूचीबद्ध किया था, लेकिन पिछले दो वर्षों में उनकी संख्या में लगभग 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब आंकड़ा 1.98 करोड़ है। हरियाणा सरकार इस मामले की जांच करवा रही है। इसका कारण परिवार पहचान पत्र में सेल्फ डेक्लेशन के ऑप्शन को बताया जा रहा है। जिसमें लोगों ने सरकारी मदद के चक्कर में अपनी आय कम दिखाई है।

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