हरियाणा के जींद जिले के घसो खुर्द गांव की रहने वाली नीलम की मां सरस्वती ने अपनी बेटी के प्रदर्शन का समर्थन किया है। सरस्वती ने कहा, “मेरी बेटी ने कुछ गलत नहीं किया। मुझे उसका कोई अफसोस नहीं है। वहीं किसान और स्टूडेंट यूनियन ने भी नीलम का समर्थन किया है। उन्होंने जींद में रैली निकालकर कहा कि नीलम बेरोजगारों की आवाज बनी है और UAPA लगाने की जगह उसे जल्दी रिहा किया जाना चाहिए।
मां सरस्वती ने कहा कि मेरी बेटी पूरे देश में बढ़ती बेरोजगारी की आवाज बनी है। नीलम को मैंने अपनी कोख से जन्म दिया है लेकिन नीलम मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की बेटी है। उन्होंने बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं की मुश्किलें बताते हुए नीलम के कदम की सराहना की। इसके अलावा नीलम के गांव घसो खुर्द में ग्रामीणों ने भी उसका समर्थन दिखाया और गांव में रोष रैली निकाली। किसान और छात्र यूनियन के सदस्यों ने भी इसमें शामिल होकर उनके साथ सिधारा जता दिखाया।
बेरोजगारी के कारण डिप्रेशन में जा रहा युवा
स्टूडेंट यूनियन के एक सदस्य ने बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि आज देश में बेरोजगारी बढ़ रही है और इसके कारण युवा डिप्रेशन में जा रहा है। इस समस्या का समाधान करने के लिए नीलम ने यह कदम उठाया है। किसान नेता बलबीर ने भी नीलम का समर्थन किया और कहा नीलम ने हमारा साथ दिया है, जिसको हम भूल नहीं सकते। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा की 22 दिसंबर को होने वाली मीटिंग के बारे में भी बताया और उम्मीद जताई कि उसमें नीलम को सम्मिलित किया जाएगा।
बैंक कॉपी और कुछ किताबों के अलावा नहीं मिला कुछ
दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने भी नीलम के घर छापा मारा और उसके कमरे से बैंक अकाउंट की कॉपी और कुछ किताबें जब्त की। इसमें स्थानीय पुलिस भी उचाना पुलिस के साथ रही। यह सारे घटनाक्रम नीलम के बेरोजगारी के मुद्दे पर हो रहे प्रदर्शन की चर्चा को बढ़ा देते हैं और उसके समर्थन में जनसमूह की बढ़ती आवश्यकता को दर्शाते हैं।