हरियाणा के Jind जिले में सरकारी स्कूलों के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को शिक्षा विभाग द्वारा टैबलेट वितरित किए गए थे। अब, शिक्षा विभाग ने इन छात्रों से टैबलेट वापस करने के निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन न करने पर रिजल्ट पर असर पड़ सकता है।
जिले में कुल 16,000 छात्रों को टैबलेट वितरित किए गए थे, जिसमें से 9,000 छात्र 10वीं कक्षा से और 7,000 छात्र 12वीं कक्षा से हैं। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि छात्रों को बोर्ड परीक्षा के अंतिम दिन से 5 दिन के भीतर अपने टैबलेट, चार्जर, सिम और टैबलेट से संबंधित अन्य सामान स्कूल में जमा करवाना होगा।
सम्पत्ति की वापसी के निर्देश
शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि छात्रों को टैबलेट वापस करने के बाद स्कूलों को स्टॉक रजिस्टर में एंट्री करनी होगी और अगर कोई छात्र टैबलेट वापस नहीं करता, तो उसकी सूची पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। यदि किसी छात्र ने टैबलेट लौटाने से मना किया या वह गुम हो गया, तो उसका परिणाम हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा रोका जाएगा और डिजी लोकर पर भी अपलोड नहीं किया जाएगा।
सर्टिफिकेट जारी करने में रोक
इसके अलावा, यदि किसी छात्र का टैबलेट वापस नहीं किया गया है और परिणाम घोषित कर दिया जाता है, तो स्कूल प्रमुख को यह सुनिश्चित करना होगा कि उस छात्र को एसएलसी (School Leaving Certificate), डीएमसी (Detailed Marks Certificate) और कैरेक्टर सर्टिफिकेट नहीं जारी किया जाए।
चोरी और सिम डि-एक्टिवेशन के नियम
यदि स्कूल से कोई टैबलेट चोरी हो जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रमुख की होगी। विद्यार्थी द्वारा टैबलेट चोरी होने की स्थिति में उन्हें पुलिस में एफआईआर दर्ज करानी होगी और फिर स्कूल को अंडरटेकिंग देनी होगी। ऐसे विद्यार्थियों को नया टैबलेट नहीं दिया जाएगा। सिम डि-एक्टिवेशन का कार्य विभाग द्वारा किया जाएगा, और स्कूलों से इसके लिए अनुरोध नहीं किया जाएगा।
शिक्षा विभाग का सख्त आदेश
शिक्षा विभाग का कहना है कि सभी स्कूल प्रधान सुनिश्चित करेंगे कि सभी छात्रों द्वारा टैबलेट समय पर वापस कर दिए जाएं, और अगर टैबलेट नहीं जमा किया जाता, तो परिणाम पर असर डाला जाएगा।