हरियाणा के जींद में पटवारी द्वारा रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। पटवारी ने किसान से खराब फसल का मुआवजा देने की आड़ में रिश्वत ली। कोर्ट ने रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए राजस्व विभाग के पटवारी को 4 साल की कैद की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश नेहा नौरिया ने पटवारी पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न भरने पर उसे 6 माह और जेल में काटने होंगे।
मुआवजे की आड़ में ले रहा था रिश्वत
जींद के गांव पौली निवासी किसान रमेश ने 3 दिसंबर 2019 को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को दी शिकायत में बताया था कि वर्ष 2017-18 में उसकी फसल को नुकसान हुआ था। खराबे की एवज में उसे लगभग 40 हजार रुपए मुआवजा राशि मिलनी थी। सरकार द्वारा राशि राजस्व विभाग को भेज दी गई। हल्का पटवारी रविंद्र फसल खराब मुआवजा राशि को उसके खाते में डालने की एवज में 20 हजार रुपए की डिमांड कर रहा है।
किसान ने दी शिकायत
उसने बताया कि रिश्वत न दिए जाने पर फसल खराबा मुआवजा राशि उसके खाते में नहीं डाली जा रही। शिकायत के आधार पर छापामार टीम का गठन किया गया। डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सफीदों कीर्ति सरोहवाल को नियुक्त किया गया। जबकि छापेमारी की कमान स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के इंस्पेक्टर बलवान सिंह को सौंपी गई।
नोट पर पाउडर लगा किया पटवारी का खुलासा
टीम ने शिकायतकर्ता रमेश को 2-2 हजार के 10 नोट पाउडर व डयूटी मजिस्ट्रेट से हस्ताक्षर कर दे दिए। संपर्क साधने पर पटवारी रविंद्र ने किसान रमेश को जुलाना तहसील कार्यालय में बुला लिया। इशारा मिलते ही छापामार टीम ने पटवारी रविंद्र को काबू कर लिया। तलाशी लिए जाने पर उसके पर्स से रिश्वत राशि 20 हजार रुपए बरामद हुई। हाथ धुलवाए जाने पर उनका रंग लाल हो गया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश नेहा नौरिया की कोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम मे पटवारी रविंद्र को दोषी करार दे दिया।