Kaithal : भारतीय जनता पार्टी(BJP) की हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री(Health minister) डॉ. कमल गुप्ता(Dr. Kamal Gupta) ने हाल ही में एक सम्मेलन में अपनी बयानबाजी से बवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने डॉक्टरों की कमी(doctors in one day) पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे एक दिन में डॉक्टर पैदा नहीं कर सकते। इस बयान से बहुत संवाद चल रहा है और उसे सोशल मीडिया पर वायरल(viral on social media) भी हो गया है।
डॉ. कमल गुप्ता का यह बयान काठल के जन परिवाद समिति की मीटिंग में हुआ था, जहां उन्होंने सरकार द्वारा नए मेडिकल कॉलेज खोलने के उद्देश्य को बताया। हरियाणा में अब 15 मेडिकल कॉलेज हैं, जिन्हें सरकार ने खोला है ताकि डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके। डॉ. गुप्ता ने इस बात को उजागर किया कि डॉक्टरों की व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार प्रयासरत है, लेकिन इसमें समय लगेगा। डॉक्टरों की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि डॉक्टर तभी तो आएंगे जब उन्हें अच्छी व्यवस्था और सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि मेडिकल कॉलेजों के खुलने के बाद 5 साल लगते हैं तकि डॉक्टर प्रशिक्षण पूरा कर सकें और समाज की सेवा में उपलब्ध हो सकें।
इस विवादित बयान के बाद, विपक्षी पार्टी और समाज के नेताओं ने इसे खारिज किया है। आम आदमी पार्टी के प्रभारी डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि हरियाणा में मेडिकल सुविधाओं की स्थिति बहुत ही निराशाजनक है, और सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने सरकार को डॉक्टरों की भर्ती में सकारात्मक कदम उठाने की भी सलाह दी।
डॉक्टरों की कमी देश की एक बड़ी समस्या
डॉक्टर कमल गुप्ता का बयान विवाद से भरपूर है, क्योंकि डॉक्टरों की कमी देश की एक बड़ी समस्या है और इसे हल करने के लिए उचित उपायों की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वे सरकार द्वारा की जा रही पहलों का समर्थन करते हैं, जिसमें नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना शामिल है। विवादित बयान के बावजूद डॉक्टर कमल गुप्ता ने उन पर लगे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने का बीड़ा उठाया है और इससे डॉक्टरों की कमी को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी जताया कि इस प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन इसके फलस्वरूप भविष्य में डॉक्टरों की संख्या में सुधार आएगा।
समय और समर्थन की आवश्यकता
विवाद के बाद सामान्य लोगों की भी राय आम तौर पर डॉक्टरों की कमी को लेकर है। वे समझते हैं कि डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि होनी चाहिए और सरकार को इसमें गंभीरता से काम करना चाहिए। अंत में डॉक्टर कमल गुप्ता का बयान साफ है कि डॉक्टरों की कमी को लेकर सरकार के प्रयास जारी हैं, लेकिन इसमें समय और समर्थन की आवश्यकता है। वह समझते हैं कि उनके द्वारा उठाए गए कदमों से भविष्य में सामाजिक सेवाओं में सुधार आएगा और डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि होगी।