कैथल जिले में छात्रवृत्ति के नाम पर लाखों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2014-15 और 2015-16 में पंजाब के विभिन्न कॉलेजों में कई कोर्सों में फर्जी दाखिले दिखाकर दलालों ने यह भ्रष्टाचार किया है।
विभाग के अनुसार, दो साल में करीब दो हजार विद्यार्थियों के फर्जी दाखिले दिखाए गए थे। इस मामले में पिछले करीब आठ साल से जांच जारी है, जिसमें विजिलेंस ने भ्रष्टाचार की पुष्टि की है।
नर्सिंग कोर्स में दिखाए विद्यार्थियों के फर्जी दाखिले
विजिलेंस के अनुसार, जांच में सामने आया है कि भ्रष्टाचार करने वाले लोगों ने पंजाब के विभिन्न कॉलेजों में स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग के कोर्सों में विद्यार्थियों के फर्जी दाखिले दिलाए। इन कोर्सों के कॉलेजों की जिले में संख्या काफी कम है, इसलिए दूसरे राज्य में दाखिला दिला विभाग से छात्रवृत्ति ली।
विजिलेंस की जांच ने जब इस मामले में विद्यार्थियों से पूछताछ की तो उन्हें दाखिले की कोई जानकारी नहीं थी। विजिलेंस अभी तक करीब 250 विद्यार्थियों को जांच में शामिल कर चुकी है।
संस्था बनाकर फर्जी तरीके से हड़पी छात्रवृति की राशि
विजिलेंस के जिला प्रभारी इंस्पेक्टर सूबे सिंह ने बताया कि जिला कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। मामले में कुछ लोगों ने संस्था बनाकर फर्जी तरीके से इस छात्रवृत्ति की राशि हड़पी है। बच्चों के फर्जी दाखिले पंजाब के विभिन्न कालेजों में दिखाए गए थे।
इस मामले में विजिलेंस की तरफ से जांच चल रही है, जो अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका हैकि फर्जी दाखिले से कुल कितनी राशि हड़पी गई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि यह लाखों में हो सकती है।