जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में हरियाणा के करनाल जिले के नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की निर्मम हत्या कर दी गई। घटना तब हुई जब वे अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून मनाने बैसरन घाटी में घूम रहे थे। शादी के महज सात दिन बाद हिमांशी के सामने ही आतंकियों ने विनय की जान ले ली।
🔫 “तुम हिंदू हो?” सुनते ही चली तीन गोलियां
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, सेना की वर्दी में एक व्यक्ति AK-47 लेकर विनय और हिमांशी के सामने आया। हिमांशी को पहले लगा कि वह भारतीय सेना का जवान है, लेकिन कुछ ही पल में उसने पूछा, “क्या तुम हिंदू हो?” विनय ने जवाब दिया, “हाँ, हिंदू हूँ” — और उसी क्षण तीन गोलियां चलाई गईं।
- पहली गोली गर्दन में,
- दूसरी छाती पर,
- तीसरी कंधे के पास लगी।
गोलियों की आवाज के बीच विनय गिर पड़े और हिमांशी मदद के लिए चिल्लाती रहीं, मगर सुनसान घाटी में कोई मदद नहीं मिली।
🕰️ डेढ़ घंटे तक नहीं पहुंची मदद
घटना के बाद विनय करीब डेढ़ घंटे तक जमीन पर पड़े रहे। नेटवर्क की समस्या और मेडिकल सहायता की अनुपलब्धता के चलते कोई तत्काल राहत नहीं पहुंच सकी। इस हमले में विनय के साथ कई अन्य पर्यटक भी घायल हुए या मारे गए।
💔 परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
विनय के चाचा और रिश्तेदार, सब-इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह ने बताया कि परिवार पूरी तरह टूट चुका है।
“हिमांशी की हालत ऐसी है कि हम उससे बात तक नहीं कर पा रहे। विनय के पिता राजेश पुरी ने बड़ी उम्मीदों से बेटे को देश सेवा में भेजा था।”
📜 NOC मिल जाती, तो बच जाती जान?
परिवार के अनुसार, विनय और हिमांशी स्विट्जरलैंड हनीमून पर जाना चाहते थे, लेकिन नेवी से समय पर NOC न मिलने के कारण उन्हें प्लान बदलकर पहलगाम जाना पड़ा।
- 16 अप्रैल: मसूरी में शादी
- 19 अप्रैल: करनाल में रिसेप्शन
- 21 अप्रैल: पहलगाम रवाना
- 22 अप्रैल: हमला और विनय की शहादत
🌊 अस्थियों के साथ परिवार हरिद्वार पहुंचा
गुरुवार सुबह विनय की अस्थियां लेकर परिवार हरिद्वार रवाना हुआ और वहां अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं। उनके चचेरे भाई और पिता ने विधिवत संस्कार किया।
🗣️ हिमांशी का बयान: “मैं उनकी आंखों में दहशत देखना चाहती हूं”
हमले के दो दिन बाद, हिमांशी ने एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य से मिलते हुए कहा:
“जिन आतंकियों ने मेरे पति की जान ली, मैं उनकी आंखों में दहशत देखना चाहती हूं। उन्हें भी महसूस हो कि जान की भीख क्या होती है। मैं चाहती हूं कि सरकार उन्हें मेरे सामने लाए।”
देश में गूंजा गुस्सा, मांग: आतंकियों को मिले कड़ी सजा
इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा है। सोशल मीडिया पर #JusticeForVinayNarwal ट्रेंड कर रहा है और केंद्र सरकार से जल्द से जल्द दोषियों को सज़ा दिलाने की मांग की जा रही है।
📌 लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत ने एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ भारत की चुनौती और सैन्य परिवारों के बलिदान को उजागर कर दिया है। यह घटना केवल एक हनीमून कपल पर हमला नहीं, बल्कि मानवता पर हमला है।