Karnal निकाय चुनाव में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बन गया है। कांग्रेस नेता मनोज वधवा ने पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता पर 1600 करोड़ रुपये की ग्रांट और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भारी घोटाले का आरोप लगाया। वधवा का कहना है कि विकास कार्यों पर केवल 20 प्रतिशत राशि ही खर्च की गई, जबकि बाकी का पैसा मेयर और उनके पति ने हड़प लिया।
वधवा ने गोशाला ग्रांट में भी धांधली के आरोप लगाए, जिसके चलते सड़कों पर गायों की स्थिति जस की तस बनी रही। कांग्रेस के थानेसर विधायक अशोक अरोड़ा ने इस मामले पर जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट देने की अपील की। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान ने हर नागरिक को वोट का अधिकार दिया है, और अब जनता को इसका सही उपयोग करके एक नई दिशा तय करनी है।
पूर्व मेयर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
मनोज वधवा ने आरोप लगाया कि 2013 में जब रेणु बाला गुप्ता मेयर बनीं, तो उन्होंने डिप्टी मेयर की जिम्मेदारी भी खुद ली थी। वधवा ने कहा कि रेणु बाला ने अपने कार्यकाल में मेयर पद को केवल एक कठपुतली की तरह निभाया और किसी भी महत्वपूर्ण कार्य में दिलचस्पी नहीं ली।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में घोटाले का आरोप
वधवा ने दावा किया कि 980 करोड़ रुपये के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और 600 करोड़ रुपये की नगर निगम ग्रांट में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। उन्होंने कहा कि कुल 1600 करोड़ रुपये में से सिर्फ 20 प्रतिशत राशि विकास कार्यों में खर्च की गई, जबकि बाकी का पैसा गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया।
गोशाला में भी भ्रष्टाचार के आरोप
वधवा ने गऊशालाओं में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नगर निगम को प्रति गाय तीन रुपये का अनुदान दिया जाता है, जिसके चलते हर महीने ढाई लाख रुपये और सालाना ढाई करोड़ रुपये का अनुदान मिलता है। इसके बावजूद गायें सड़कों पर भटकने को मजबूर हैं, और यह फंड भी भ्रष्टाचार का शिकार हो गया।
जनता की कमाई से निजी विकास
वधवा ने यह भी आरोप लगाया कि मेयर और उनके पति ने जनता के पैसों का दुरुपयोग कर अपने निजी विकास पर ध्यान दिया। कई परियोजनाओं को कागजों में दिखाकर धन की हेराफेरी की गई, और सड़कों के निर्माण से लेकर गऊशाला प्रबंधन तक कई अनियमितताएं सामने आईं।