Karnal जिले के निसिंग गांव के निवासी जोगिंद्र सिंह और उनके दो अन्य साथी, बलवान सिंह और सागर शर्मा का सपना था कि वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया भेजें। लेकिन यह सपना एक बड़े धोखाधड़ी कांड में बदल गया, जिसमें ‘वीज़ा सपोर्ट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड’ नामक चंडीगढ़ स्थित एजेंसी ने उनके साथ 22.49 लाख रुपये की ठगी कर दी।
जोगिंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर इस एजेंसी का विज्ञापन देखा था। उन्होंने चंडीगढ़ ऑफिस से संपर्क किया, जहां सिमरनजीत कौर नामक एजेंट ने ऑस्ट्रेलिया में विश्वविद्यालय में दाखिले और वीजा की प्रक्रिया में मदद का भरोसा दिया। इसके बाद उन्हें एजेंसी के अन्य कर्मचारियों से मिलवाया गया, जिनमें वारिस चौहान, कर्ण, मनजोत और किरण शामिल थे।
एजेंसी ने शुरुआत में ऑफर लेटर और वीजा के लिए विभिन्न किस्तों में पैसे मांगे। कुल मिलाकर जोगिंद्र सिंह से 7,18,864 रुपये, बलवान सिंह से 10,55,040 रुपये, और सागर शर्मा से 4,75,000 रुपये ठगे गए।
फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
जब महीनों तक वीजा नहीं आया और एजेंसी के कर्मचारी फोन उठाना बंद कर दिया तो पीड़ितों को शक हुआ। वे चंडीगढ़ स्थित ऑफिस पहुंचे, जहां ताला लगा हुआ मिला। इस दौरान उन्हें पता चला कि यह एजेंसी पहले भी सैकड़ों लोगों को ठग चुकी है और इसके खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज हैं।
एजेंसी का मालिक पहले ही गिरफ्तार
थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद पता चला कि एजेंसी का एक मालिक सतबीर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। अन्य आरोपियों सिमरनजीत कौर, विक्रमजीत, वारिस चौहान, कर्ण, मनजोत और किरण की तलाश जारी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।