Karnal जिले के इंद्री क्षेत्र के गांव दरड़ में सर्दी की पहली बारिश ने एक परिवार की मुश्किलें और बढ़ा दीं। बुजुर्ग महिला सुनहरी देवी के घर की छत सुबह करीब 6 बजे अचानक गिर गई। सौभाग्य से, उस समय घर के सभी सदस्य बाहर अपने-अपने काम में व्यस्त थे, जिसके कारण कोई जनहानि नहीं हुई। लेकिन घर का सारा सामान मलबे में दबकर पूरी तरह नष्ट हो गया।
“भगवान ने हमें बचा लिया”
सुनहरी देवी के अनुसार हादसे के वक्त वह पड़ोसी को माचिस देने के लिए बाहर निकली थीं। तभी अचानक छत भरभरा कर गिर गई। इस अप्रत्याशित घटना से वह और उनके परिवार के अन्य सदस्य बाल-बाल बच गए। सुनहरी देवी ने भावुक होकर कहा, “हमें उम्मीद नहीं थी कि ऐसा कुछ होगा। भगवान ने हमें बचा लिया, लेकिन अब हमारे पास न छत है और न ही कोई सामान।”
पहले ही झेल चुकी हैं बड़े दुख
सुनहरी देवी के जीवन में पहले से ही परेशानियां कम नहीं थीं। चार साल पहले उनके बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, और उनके पति का भी निधन हो चुका है। अब वह अपनी बेटी, नाती और नातिन के साथ रहती थीं। बेटी परिवार के लिए सहारा बनी हुई थी। लेकिन अब इस हादसे ने उनका सब कुछ छीन लिया। घर में पलंग टूट चुका है, संदूक और खाने-पीने का सामान मलबे में दब गया है।
हादसे के बाद गांव के लोग तुरंत मदद के लिए आगे आए और मलबे में दबा सामान बाहर निकाला। लेकिन परिवार की स्थिति बेहद दयनीय है। सुनहरी देवी ने सरकार और प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है। इस हादसे ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि “जाको राखे साइयां, मार सके न कोए।”