- पानीपत के ‘नन्हे कदम अपनी पाठशाला’ में बच्चों ने वेस्ट मटेरियल से बनाई क्राफ्ट चीजें, “प्लास्टिक को ना” का दिया संदेश
- संस्थापक सुधा झा ने बच्चों को पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज की गंभीरता से कराया अवगत
- बच्चों ने कपड़ों पर रंगों से बनाए बैनर, फर्स्ट एड बॉक्स व अन्य उपयोगी चीजें तैयार कीं, समाजसेवी राजेश दुबे भी रहे शामिल
पानीपत। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पानीपत की ज्योति कॉलोनी स्थित शिक्षा केंद्र ‘नन्हे कदम अपनी पाठशाला’ में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर रचनात्मक तरीके से सहभागिता दिखाई। बच्चों ने वेस्ट मटेरियल का उपयोग कर आर्ट और क्राफ्ट की वस्तुएं बनाई, साथ ही “प्लास्टिक को ना कहें” का संदेश देते हुए पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भाव जागृत किया।

संस्थापक सुधा झा ने बताया कि बच्चों को पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से अवगत कराना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा – “पृथ्वी हमें बुला रही है मदद के लिए“, इसलिए हमें अब हर स्तर पर छोटे-छोटे कदम उठाने होंगे।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने कपड़े पर रंगों का प्रयोग करते हुए “प्लास्टिक मुक्त समाज” पर संदेश लिखे बैनर बनाए। पुराने सामानों से फर्स्ट एड बॉक्स, पेंसिल बॉक्स, सजावटी और उपयोगी वस्तुएं तैयार की गईं। इस अवसर पर समाजसेवी राजेश कुमार दुबे भी उपस्थित रहे और बच्चों के कार्यों की सराहना की।
यह केंद्र जरूरतमंद मजदूर परिवारों के बच्चों को निःशुल्क ट्यूशन उपलब्ध कराता है। समर कैंप के दौरान उन्हें किताबें, कॉपियाँ, लाइब्रेरी सुविधाएं और प्रेरक गतिविधियाँ दी जाती हैं। साथ ही बच्चों को सुरक्षा नियम, वेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है।

अंत में, सभी ने “मिशन लाइफ” के तहत यह संकल्प लिया कि वे प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करेंगे, पौधे लगाएंगे, अपने शहर को साफ-सुथरा रखेंगे और कचरे का गीला-सूखा वर्गीकरण करके पर्यावरण को बचाने में योगदान देंगे।