यमुनानगर के जगाधरी में आज किसानों ने ‘लखीमपुर हिंसा’ की याद में काला दिवस मनाया और मामले के प्रति अपना दुख जाहिर किया।इसी कड़ी में आज सभी किसान जगाधरी की नई अनाजमंडी में एकजुट हुए और लघु सचिवालय की तरफ कूच किया।इस दौरान किसानों ने इंसाफ की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पीएम नरेंद्र मोदी और अजय मिश्र टेनी का पूतला फूंका।
किसानों को रोकने के लिए पहले से ही भारी पुलिसबल तैनात था,लिहाजा जब पुलिस ने किसानों को भारी संख्या में आते देखा।तो उन्हें पुलिस ने गेट पर ही रोक दिया।इस प्रदर्शन में किसानों का साथ वहां पर मौजूद आशा वर्कर्स ने भी दिया। इस प्रदर्शन की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के प्रधान संजू गुंदियान और राकेश टिकैत ग्रुप के प्रधान सुभाष गुर्जर ने की। किसान लगातार इस मामले के दोषियों के खिलाफ लगातार सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इंसाफ नहीं मिला तो करेंगे बड़ा जनआंदोलन
किसानों ने कहा कि आज का दिन किसानों के लिए काला दिवस है।आज ही लखीमपुर में किसानों को मार दिया गया था और इस मामले में अभी तक कोई इंसाफ नहीं हुआ है।केंद्र सरकार पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं दिलाना चाहती तभी तो अजय मिश्र टेनी का साथ दे रही है।किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है,तो एक बड़ा आंदोलन जल्द किया जाएगा।यूपी के लखीमपुर हिंसा मामले को लेकर किसानों का आक्रोश अभी भी कम नहीं हुआ है,किसान और पत्रकार की हत्या मामले को लेकर देशभर के किसान दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
आशा वर्कर्स ने थाली बजाकर दिया किसानों का साथ
किसान इस प्रदर्शन में अकेले नहीं थे,इसमें उनका साथ आशा वर्कर्स ने भी दिया।आशा वर्करों ने थाली बजाकर अपना रोष जाहिर किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अजय मिश्र टेनी और पीएम नरेंद्र मोदी का पूतला दहन किया।गौरतलब है कि,आशा वर्कर्स पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं।मगर आज उन्होंने किसानों के लिए इंसाफ की मांग की और कहा कि किसानों को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए।नहीं तो सरकार के खिलाफ हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी।
3 अक्टूबर को लखीमपुर में अजय मिश्र के बेटे की गाड़ी से मारे गए थे 8 लोग
आज ही के दिन उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खिरी में अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र टेनी की गाड़ी के नीचे 8 लोग कुचले गए थे।जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी,इसमें 4 किसान और 1 पत्रकार भी था।यह घटना सामने आने के बाद पूरे देश में इसका विरोध हुआ था।इस पूरे हत्याकांड का आरोप अजय मिश्र टेनी के बेटे पर लगा था। जिस वजह से अजह मिश्र टेनी जोकि केंद्र सरकार में राज्यमंत्री थे उनसे भी इस्तीफे की मांग की गई थी।हालांकि इस पर कानूनी लड़ाई अभी-भी जारी है।