(सिटी तहलका से अदीति पासवान की रिपोर्ट)
आशा वर्कर पिछले कई दिनों से लगातार लघु सचिवालय कुरुक्षेत्र के सामने हड़ताल पर बैठी हुई हैं। आशा वर्करों ने शुरुआत में अपनी हड़ताल 3 दिनों के लिए की थी और सरकार के सामने अपनी मांगों को रखा था। लेकिन सरकार ने उनकी मांगों की सुनवाई नहीं की।
आशा वर्करों का कहना है कि उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला लिया है। उनेहोंने कहा कि जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करती वे धरने से नहीं उठेंगी।
मांगे पूरी न होने तक करेंगी विरोध प्रर्दशन
आशा वर्करों ने अपनी हड़ताल को 17 अगस्त तक आगे बढ़ाने का फैसला लिया था। साथ ही सरकार से मांग की थी कि उनकी मांगे मानी जाए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। आशा वर्करों का कहना है कि सरकार ने अब तक उनके साथ कोई भी बातचीत नहीं की है। जिसका विरोध करते हुए अब आशा वर्कर एसोसिएशन ने इस हड़ताल को अनिश्चितकालीन तक बढ़ाने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करेंगी तब तक ये हड़ताल ऐसे ही चलती रहेगी।
पांच साल में नहीं हुई मानदेय में बढ़ोतरी
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल से राज्य सरकार द्वारा आशाओं के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसी तरह 12 साल से केंद्र सरकार द्वारा आशाओं के इंसेटिव में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। सरकार को तुरंत प्रभाव से आशा वर्कर्स की समस्याओं और मांगों का समाधान करना चाहिए।