Haryana Politics : हरियाणा में जल्द ही होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा प्रत्याशियों का विरोध जारी है। किसानों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर का जींद के नरवाना में विरोध के बाद शनिवार को महेंद्रगढ़ भिवानी लोकसभा के प्रत्याशी धर्मबीर सिंह का चुनाव प्रचार के दौरान नारनौल विधानसभा के गांव सीहमा में विरोध जताया गया। इस दौरान किसानों और मजदूरों ने भाजपा प्रत्याशियों को काले झंडे दिखाकर अपना रोष प्रकट किया। भाजपा प्रत्याशियों के विरोध का सोशल मीडिया पर तेजी से वीडियो वायरल हो रहा है।
गौरतलब है कि जींद नरवाना स्थित विश्वकर्मा चौक पर शुक्रवार को किसानों और मजदूर ने सिरसा लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अशोक तंवर नरवाना की जाट धर्मशाला में एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे थे। पता चलते ही किसान व मजदूर संगठनों के लोग वहां पहुंचे और काले झंडे लेकर विश्वकर्मा चौक पर खड़े हो गए। कार्यक्रम से लौटते समय उन्होंने अशोक तंवर को काले झंडे दिखाते हुए विरोध जताया। वहीं शनिवार को नारनौल के गांव सीहमा में वोट मांगने पहुंचे भाजपा प्रत्याशी धर्मबीर सिंह का ग्रामीणों ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया। इस दौरान सांसद के अलावा पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव भी मौजूद थे। ग्रामीणों का विरोध बढ़ता देख वह थोड़ी देर में ही कार्यक्रम छोड़कर चले गए।
बता दें कि भाजपा के मौजूदा सांसद एवं महेंद्रगढ़ भिवानी सीट से लोकसभा प्रत्याशी धर्मबीर सिंह शनिवार को वोट मांगने के लिए नारनौल विधानसभा के गांव सीहमा पहुंचे। इस दौरान गांव सीहमा में एक जनसभा का आयोजन किया गया था। सभा के दौरान ग्रामीण पहले से ही काले झंडे लिए हुए बैठे थे। बताया जा रहा है कि जब सांसद धर्मबीर सिंह और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव ग्रामीणों को संबोधित करने लगे तो ग्रामीणों ने दोनों को काले झंडे दिखाकर अपना विरोध जताया। इस दौरान ग्रामीणों का कहना था कि मौजूदा भाजपा सरकार ने भाईचारा बिगाड़ दिया है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांव सिहमा में आयोजित एक सभा में गांव को सब तहसील बनाने का ऐलान किया था। जिसके बाद इसका पड़ोस के गांव दोगड़ा अहिर के लोगों ने विरोध किया था। वहां के लोगों ने मुख्यमंत्री का घेराव भी कर लिया था। क्योंकि यह उसे गांव की पुरानी मांग रही थी। इस प्रकार भाजपा सरकार दो पड़ोसी गांव के लोगों का भाईचारा समाप्त करना चाह रही है। जिसका दोनों गांव के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। वहीं गांव वालों का विरोध होता देख सांसद धर्मबीर सिंह व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव ने लोगों को काफी समझाया, लेकिन लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी और अपना विरोध जताते रहे। इसके बाद भाजपा के दोनों नेता सभा को छोड़कर चले गए।