प्रशासन ने हरियाणा के महेंद्रगढ़ शहर को सरकारी कागजों में कैटल फ्री यानि बेसहारा पशुओं से मुक्त शहर घोषित कर रखा है। मगर इसके बावजूद भी शहर की हर गली और चौक पर बेसहारा पशु खासकर गऊशाला के पशुओं को सड़क पर घूमते हुए देखा जाता है। शहर के मेन चौराहे और बाजार में भी बेसहारा पशुओं का घूमते रहते हैं। लेकिन शहर में बेसहारा पशुओं की संख्या को देखकर प्रशासन के तमाम दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।
हिंसक रुप धारण कर उत्पात मचाते है बेसहारा पशु
शहर में घूम रहे बेसहारा पशु आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। शहर की हर गली और चौक पर बेसहारा पशु खासकर गऊशाला के पशु सड़क पर घूमते रहते हैं। कभी-कभी ये पशु हिंसक रुप धारण कर लेते हैं जिसके कारण स्टेट हाइवे पर दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती जा रही है।
शहर के मुख्य चौराहे और बाजार में भी इनका झुंड बना रहता है। कई बार ये मुख्य बाजारों और सड़कों पर हिंसक रूप धारण कर उत्पात मचाते हैं। हिंसक झड़प में ये बेसहारा पशु दुकानों के बाहर रखे सामान और वाहनों को चपेट में ले लेते हैं। कई बार तो ये आमजन पर भी हमला कर उन्हें घायल कर देते हैं। इस प्रकार अभी तक अनेक लोग इनकी चपेट में आ चुके हैं।
सरकार नहीं उठा रही कोई भी कदम
पिछले कुछ समय से प्रशासन की तरफ से शहर में घूमने वाले बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया गया है और न ही प्रशासन के पास इनके लिए कोई विशेष योजना दिख रही है। वो बात अलग है कि इस वर्ष गो सेवा आयोग की तरफ से शहर की दो गोशाला को मई महीने में करीब साढ़े 16 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है।
जिस कारण इन पशुओं की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। शहर की मुख्य सड़कों, मुख्य बाजारों, गली, मोहल्लों में इनका जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे में शहर मे ट्रेफिक जाम हो जाता है। वहीं आस-पास से गुजरने वाले लोगों को चोट लगने का भय बना रहता हैं। वहीं प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है।