ऐतिहासिक नगरी महेंद्रगढ़ के हालत देख कर इन दिनों हर नागरिक के मन में सवाल उठता है कि क्या महेंद्रगढ़ की पहचान अब टूटी सड़कें रह गई हैं। पिछले 1 साल से नगर पालिका की उदासीनता के चलते शहर की अधिकांश सड़कें टूटी हुई हैं। जिले में नगर-पालिका की लापरवाही से विकास का पहिया रुका हुआ है। पिछली योजना में भी कोई काम नहीं हुआ। जिसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है।
नगर पालिका लोगों को कोई सुविधा नहीं दे पा रही है। शहर की 90 प्रतिशत सड़कें जर्जर हालत में हैं। जनता की मदद के लिए बनी नगर पालिका अब जनता के लिए ही मुसीबत बन गई है।
शहर के विकास में नहीं हुआ कोई भी कार्य
महेंद्रगढ़ नगर पालिका में 15 वार्ड हैं। 14 जुलाई 2022 को वहां छोटी सरकार का गठन हुआ था। 1 साल से अधिक का समय हो गया, लेकिन आज तक शहर में विकास के नाम पर कोई कार्य नहीं हुआ। नगर पालिका में कुछ समय तो सब कुछ ठीक-ठाक चला, लेकिन उसके बाद शहर में विकास न होने को लेकर कुछ पार्षदों ने दूरी बना ली और आपस में मतभेद हो गया।
पिछली योजना के 5 साल FIR कराने में बीते
पिछली नगर पालिका की योजना में पूरे 5 साल एक दूसरे पर आपस में FIR कराने में समय बीत गया। लेकिन विकास का अभी तक कोई भी काम नहीं हुआ है। नगर पालिका गठन के बाद पहली बैठक में सभी 15 वार्ड के पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों से कार्यों को लेकर 250 एजेंडे बनाए थे जो बैठक में पास भी हो गए थे। लेकिन किसी भी एजेंडे पर आज तक कोई भी काम नहीं किया गया है।
शहर की 90 प्रतिशत सड़कें जर्जर हालत में
शहर में थोड़ी सी बूंदाबांदी होने पर सभी नाले-नालियां और सीवरेज ओवरफ्लो होकर शहर के निचले हिस्सों में पानी जमा हो जाता है। जिससे आने जाने वाले लोगों व राहगीरों को काफी परेशानी होती है। शहर की अधिकांश गलियों, सड़कों की स्थिति दयनीय हालत में है। शहर में कहीं भी चले जाओ, हर जगह सड़कें टूटी हुई मिलेंगी, जिसके कारण काफी एक्सीडेंट भी हो चुके हैं।
नगर पालिका में नहीं थम रहा भ्रष्टचार का सिलसिला
नगर पालिका अपना काम जिम्मेदारी के साथ करती तो पिछले 1 साल के दौरान शहर की सभी सड़कें चकाचक हो जातीं। शहर के विकास कार्यों के लिए जिले की नगर पालिका के पास फंड की कोई कमी नहीं है। गांव से शहर में एंट्री करने वाले अधिकांश रास्ते भी टूटे हुए हैं। नगर पालिका में भ्रष्टाचार इतना फैला हुआ है कि बिना सुविधा शुल्क दिए कोई काम नहीं होता। अभी हाल ही में नगरपालिका के कुछ कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनके खिलाफ FIR भी दर्ज हो चुकी है।
आपसी खींचातानी के चलते पिछड़ा शहर
नगर पालिका की पिछली योजना में भी इसी प्रकार की खींचातानी चलती आ रही है। जिसकी वजह से पूरे 5 साल में विकास के नाम पर शहर में कोई काम नहीं हुआ। विकास का पहिया रुका हुआ है। ऐसा लगता है कि यह योजना भी इसी प्रकार आपसी खींचतान में न निकल जाए। शहर विकास के कार्यों में बहुत पिछड़ जाएगा।