Mahindergarh की जिला अदालत ने आज एक महिला के मामले में फैसला सुनाया है, जिसमें उन्हें एक साल की कारावास की सजा सुनाई(woman sentenced to 1 year imprisonment) गई है और उन्हें 8 लाख रुपए देने(pay 8 lakh) का आदेश दिया गया है। मामले का मुख्य आरोपी हंसा देवी है, जिन्हें 2019 में बैंक चेक के बाउंस(Check Bounce) होने के आरोप में दोषी पाया गया है।
राजबीर नामक शिकायतकर्ता ने इस मामले में दावा किया कि 2019 में उन्होंने हंसा देवी से 4 लाख रुपए का ऋण लिया था। इस राशि को वे अपने घर की मरम्मत के लिए उधार लिए थे। हंसा देवी ने इस उधारी राशि के रूप में एक बैंक चेक दिया था, जो कि बाद में बाउंस हो गया। इसके बावजूद कई बार शिकायतकर्ता ने हंसा देवी से भुगतान के लिए अनुरोध किया, लेकिन उसने कोई भुगतान नहीं किया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने उसे कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन इस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद शिकायतकर्ता ने अदालत में मामला दायर किया।
अदालत ने साल 2023 में इस मामले में हंसा देवी के खिलाफ फैसला सुनाया, जिसमें उन्हें 1 साल की कारावास की सजा और 4 लाख रुपए की राशि के डबल भुगतान करने का आदेश दिया गया। हंसा देवी ने इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की, जहां आज उसकी अपील खारिज कर दी गई और पूर्व अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए उसे 1 साल की कारावास की सजा सुनाई गई है।
राजबीर के वकील सुनील सहरावत ने बताया कि इस मामले में अदालत ने पहले ही हंसा देवी के खिलाफ सजा सुना दी थी, लेकिन उसने ऊपरी अदालत में अपील की थी। अदालत ने उसकी अपील को खारिज कर दिया और मौजूदा फैसले को बरकरार रखते हुए उसे 1 साल की कारावास की सजा और 8 लाख रुपए का जुर्माना सुनाया है। मामले में अदालत ने ध्यान में रखा कि ऋण लेनेवाले की धन राशि का वापसी नहीं होने पर उसने कानूनी रास्ते से अपना हक जताया। हंसा देवी को अब जेल भेज दिया गया है और उसे 8 लाख रुपए का भुगतान करना होगा।