हरियाणा के फरीदाबाद में गुरुद्वारा श्रीचंद साहिब के सेवादार भारत भूषण खरबंदा ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। शहर में गुरु नानक देव जी की जयंती पर नगर कीर्तन का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें हजारों लोग भाग ले रहे थे। वहीं नगर कीर्तन के दौरान भारत भूषण खरबंदा ने गुरुग्रंथ साहिब को चादर चढ़ाने के बाद ही अचानक अपने प्राण त्याग दिए। मौत से पहले उन्होंने पवित्र पालकी साहिब की संभाल की थी और इसके बाद वह अचेत होकर गिर पड़े।
बताया जा रहा है कि उन्होंने जैसे ही चादर चढ़ाई, वह हार्टअटैक का शिकार हो गए और अचानक ही उनकी स्थिति गंभीर हो गई, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने हार्टअटैक की आशंका जताई और उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं सेवादार भारत भूषण खरबंदा का अंतिम संस्कार विधिवत रूप से किया गया। घटना गुरु नानक देव जी की जयंती के श्रद्धानुसार हुई थी, जो सामूहिक नगर कीर्तन के दौरान घटित हुई। इस अपूर्व सेवा भावना और बलिदान के माध्यम से सेवादार भारत भूषण खरबंदा ने गुरुग्रंथ साहिब की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी, जिसे लोग सदैव याद रखेंगे।