बांड पॉलिसी को लेकर करीब 8 महीने पहले सरकार और एमबीबीएस छात्रों के बीच बनी सहमति पर अब फिर से विवाद सामने आया है। एमबीबीएस छात्र और अभिभावकों ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि बांड पॉलिसी के तहत बनी सहमति से सरकार मुकर रही है। ट्राई पार्टी एग्रीमेंट को लेकर एमबीबीएस छात्रों के साथ धोखा किया जा रहा है।
एमबीबीएस छात्रों और अभिभावकों ने सरकार पर 2023 बैच के एमबीबीएस छात्रों पर जबरदस्ती दबाव बनाकर हस्ताक्षर करवाने का आरोप लगाया है। जिसको लेकर छात्र रोहतक पीजीआई में इकट्ठे होकर वीसी अनीता सक्सेना से मिलने के लिए पहुंचे। एमबीबीएस छात्रों ने कहा कि पहले सरकार के साथ बनी सहमति के बाद अब सरकार उनके साथ धोखा कर रही है। उनकी आवाज को दबाया जा रहा है।
8 महीने पहले हुआ था समझौता
एमबीबीएस छात्रों ने बताया कि 8 महीने पहले ट्राईपार्टी एग्रीमेंट किया गया था। जिसमें बैंक, सरकार और छात्रों के बीच में समझौता हुआ था, लेकिन अब इस पॉलिसी में यह नहीं बताया गया है कि बैंक कितना लोन छात्रों को देगा। जिसे सरकार को देना है।
बांड पॉलिसी के खिलाफ छात्रो ने दिया था 54 दिन धरना
करीब 8 महीने पहले बांड पॉलिसी के खिलाफ छात्रों ने 54 दिनों तक धरना दिया था। इसके बाद सरकार ने छात्रों की मांगों को मान लिया था, लेकिन अब छात्रों का आरोप है कि सरकार उनके साथ धोखा कर रही है। वर्ष 2023 के एमबीबीएस बैच के छात्रों पर दबाव बनाकर जबरदस्ती हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि बांड पॉलिसी का विरोध हमेशा से रहा है और इस बार भी वह सोच समझकर फैसला लेंगे। वह चाहते हैं कि पीजीआई प्रशासन और सरकार के बीच में टकराव न हो और उनकी मांग मान ली जाए।
नए एग्रीमेंट के तहत हरियाणा में नौकरी की बात
एमबीबीएस छात्रों ने कहा कि ट्राईपार्टी एग्रीमेंट में एमबीबीएस छात्रों को हरियाणा में नौकरी करने की ही बात कही गई है। पहले वाली बांड पॉलिसी में छात्र हरियाणा के अलावा अन्य किसी राज्य अथवा केंद्र सरकार की आर्मी जुडिशल इत्यादि किसी भी नौकरी में जा सकते हैं। उनके बॉन्ड लोन की राशि भुगतान सरकार स्वयं करेगी। हाल ही में हुए ट्राईपार्टी एग्रीमेंट में यह कहा गया है कि उन्हें केवल हरियाणा में ही नौकरी करनी है।