Haryana के मंत्रियों को जल्द ही नई और महंगी गाड़ियों में घूमते देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री नायब सैनी से गाड़ियों की अपील करने के बाद अब राज्य सरकार मंत्रियों के काफिले को नई लग्जरी कारों से लैस करने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों ने अपनी पसंद की कारों के तौर पर फॉर्च्यूनर, मर्सिडीज और वॉल्वो का नाम लिया है। भाजपा के लिए लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी के बाद अब सरकार भी इस बदलाव को लेकर सहमत हो गई है। सरकार की योजना है कि अब तक 3 से 4 लाख किलोमीटर तक चल चुकी पुरानी गाड़ियों को काफिले से हटा दिया जाएगा और उनकी जगह नई एसयूवी और लग्जरी कारों को शामिल किया जाएगा।
क्या रहा पहले का खर्च?
पिछली सरकार में भी ऐसा ही कदम उठाया गया था। तब 11 फॉर्च्यूनर गाड़ियों की खरीद की गई थी, जिन पर 3 करोड़ से ज्यादा खर्च हुआ था। इन गाड़ियों को सीधे कंपनी से खरीदा गया था ताकि कम रेट पर उन्हें प्राप्त किया जा सके।
अनिल विज की सवारी
प्रदेश के ऊर्जा और परिवहन मंत्री अनिल विज पहले ही वॉल्वो कार का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, इस कार में तकनीकी खामियां आई थीं, जिसके बाद उन्होंने इसे बदलवा लिया। वह पहले मर्सिडीज का इस्तेमाल करते थे, लेकिन उसकी खराबी के बाद यह बदलाव हुआ।
मंत्री के लिए दो गाड़ियां
मंत्रियों को न सिर्फ एक, बल्कि दो गाड़ियां दी जाती हैं। इनमें एक मुख्य गाड़ी और एक रिलीवर गाड़ी होती है, जो किसी भी समस्या की स्थिति में उपयोग की जाती है। यह नियम पहले भूपेंद्र हुड्डा सरकार में शुरू हुआ था और अब भी लागू है।
CM की आलीशान सवारी
मुख्यमंत्री नायब सैनी इस समय हरियाणा पुलिस की खरीदी गई लैंड क्रूजर में यात्रा कर रहे हैं। उनके काफिले में फॉर्च्यूनर और एंडेवर जैसी महंगी गाड़ियां भी शामिल हैं।
हेलिकॉप्टर भी जोड़ा गया!
हाल ही में सरकार ने 80 करोड़ रुपये की कीमत का नया हेलिकॉप्टर खरीदा है। मुख्यमंत्री का कहना है कि पुराने हेलिकॉप्टर में सुरक्षा संबंधी समस्याएं आ रही थीं, इसलिए यह नया हेलिकॉप्टर लिया गया।
राज्य की सरकार के इस कदम से राजनीतिक और सार्वजनिक नजरों में हलचल मच गई है, और यह सवाल उठ रहा है कि क्या इन महंगे परिवहन साधनों के खर्च को उचित ठहराया जा सकता है।