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फरीदाबाद में शरारत करने पर टीचर ने फोड़ दी बच्चे की आंख, स्टील का स्केल फेंककर मारा, आंख की गई रोशनी

फरीदाबाद बड़ी ख़बर हरियाणा

हरियाणा के फरीदाबाद में महिला टीचर द्वारा फेंके गए स्टील के स्केल से कक्षा 6वीं के छात्र की आंख फूट गई। घटना 21 अक्टूबर की है, जबकि सरकार ने ग्रुप सी व डी की परीक्षा को लेकर सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर रखा था। आंख में चोट लगने के बाद से बच्चा देख नहीं पा रहा है। पुलिस ने टीचर के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपी टीचर की गिरफ्तारी नहीं हुई है

जानकारी अनुसार पीड़ित 12 वर्षीय छात्र देवांश फरीदाबाद के सरस्वती शिशु सदन नाम के स्कूल में कक्षा 6 में पढ़ता है। उसके भाई निखिल ने बताया कि देवांश ने क्लास में कोई शरारत की थी। इस पर महिला टीचर ने उसे सजा के तौर पर खिड़की के बाहर खड़ा कर दिया। फिर अचानक पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि टीचर प्रीति ने हाथ में पकड़ा स्टील का स्केल देवांश की तरफ फेंक दिया, जो कि उसकी आंख में जा लगा। आंख से खून बहने लगा।

ऑपरेशन के बाद भी बच्चे को नहीं दिख रहा

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निखिल ने बताया कि वह किसी तरह से स्कूल से अपने भाई को लेकर एक निजी अस्पताल पहुंचा। निजी अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चे की आंख की हालत देखकर कहा कि इसका इलाज उसके बस की बात नहीं है। बाद में देवांश को दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में लेकर गए। वहां उसकी आंख का ऑपरेशन भी हो गया, देवांश की आंख की रोशनी अभी तक वापस नहीं आयी है। निखिल ने बताया की डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि देवांश की दूसरी आंख की रोशनी पर भी खतरा है।

स्कूल चेयरमैन ने बयान देने से किया मना

बच्चे पर हुई ज्यादती को लेकर स्कूल प्रबंधन पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। पत्रकार स्कूल पहुंचे तो वहां पर छानबीन के लिए पुलिस कर्मी मौजूद थे। मीडिया के लोगों को देख पुलिस वहां से चली गई। इस बीच स्कूल चेयरमैन ने वारदात को लेकर किसी भी तरह का बयान देने से मना कर दिया। स्कूल में आरोपी टीचर प्रीति ने भी अपने पक्ष में कुछ नहीं कहा है।

संकरी गली में बना स्कूल

निखिल ने बताया की स्कूल ने घटना के बाद देवांश को न कोई प्राथमिक उपचार दिया और न ही अस्पताल पहुंचाया। क्योंकि उनके पास कोई एम्बुलेंस ही नहीं है। स्कूल ऐसे तंग रास्ते पर बना है, जहां कोई अप्रिय घटना हो जाए तो वहां पर न तो फायर ब्रिगेड पहुंच सकती है और न ही एंबुलेंस।

पुलिस कमिश्नर से लगाई गुहार

पुलिस ने छात्र की आंख फोड़ने की घटना को लेकर केस दर्ज कर लिया है। लेकिन वारदात के 20 दिन बाद भी आरोपी टीचर व प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। परिजन पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं और वे इसको लेकर पुलिस कमिश्नर से मिले और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गुहार लगाई।

बड़ा सवाल- छुट्टी के दिन क्यों खुला था स्कूल

वारदात को लेकर सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि सरकार के दुट्‌टी के आदेश के बावजूद 21 अक्टूबर को स्कूल क्यों खुला था। शनिवार यानी 21 अक्टूबर को ग्रुप C और D के पेपर होने के चलते सभी शिक्षण संस्थाओं में अवकाश घोषित किया गया था। इसके बावजूद सरस्वती शिशु सदन आम दिनों की तरह खुला रहा।