नारनौल में हुई एक ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में सोमवार को बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने एक बिजली निगम के अधिकारी को उनके खिलाफ मिली शिकायतों के कारण सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही, मंत्री ने उनके खिलाफ विजिलेंस जांच की भी आदेश दिया। मीटिंग में मंत्री ने 17 शिकायतों की सुनवाई की, जिनमें से 12 को हल किया गया और पांच को अगली मीटिंग के लिए स्थगित किया गया।
बता दें कि नारनौल के पंचायत भवन में हुई एक जन परिवेदना एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने लोगों की समस्याओं को सुना। बैठक में 17 समस्याएं रखी गईं, जिसके अलावा बैठक में उपस्थित लोगों से भी उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया गया। नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी ने बताया कि नारनौल सिटी में कार्यरत बिजली निगम का एक जेई लोगों के सही कार्य नहीं करता। शहर की बिजली निगम से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा। उन्होंने बताया कि एक मोहल्ले में 10 दिनों से तार टूटा हुआ था। जब इस समस्या की शिकायत लोगों ने की तो उन्होंने इसे निगम के अधिकारियों को बताया। जिस पर एक्सईएन ने संबंधित जेई के नंबर दिए और कहा कि वह समस्या का समाधान करेंगे। जिसके बाद उन्होंने कई बार दिलीप जेई को फोन किया, लेकिन जेई ने एक बार भी उनका फोन नहीं उठाया।जिसके कारण कई दिनों तक मोहल्ले में समस्या रही।

मंत्री ने जेई को तुरंत बुलाया बैठक में
बैठक में मौजूद ग्रीवेंस कमेटी के अन्य सदस्यों ने भी जेई की कार्यप्रणाली के बारे में मंत्री को सूचित किया। मंत्री रणजीत चौटाला ने निगम के अधिकारियों को कहा कि वे जेई को बैठक में बुलाएं। मंत्री रणजीत चौटाला ने जेई को 5 मिनट के अंदर बुलाने के लिए कहा। जिस पर अधिकारियों ने भी कहा कि जेई 5 मिनट में आ जाएगा। आधा घंटा तक जेई वहां नहीं आया तो मंत्री ने बिजली निगम के अधिकारियों से पूछा कि तुम्हारा जेई कहां रह गया।

अधिकारियों ने की जेई की स्पोर्ट
जवाब देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि वह 6 किलोमीटर दूर किला रोड पर है। थोड़ा टाइम लग जाएगा, तब मंत्री ने कहा कि अब अगर 5 मिनट में नहीं आता है, तो उसको सस्पेंड कर दिया जाएगा। जिसके करीब 10 मिनट बाद जेई बैठक में पहुंचा। वहां पर मंत्री ने फिर जेई को बुलाया और उसकी कार्य प्रणाली के बारे में मिल रही शिकायतों पर बात करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया। साथ ही जेई के खिलाफ विजिलेंस जांच की भी अनुशंसा की।
