दिल्ली के संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाली नीलम हरियाणा में जींद के गांव घसो खुर्द से हैं। नीलम फिलहाल हिसार में एक पीजी में रह कर हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। उसने संसद के बाहर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर प्रदर्शन किया, जिस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। नीलम के बारे में जानकर लोग हैरान हैं, क्योंकि उसकी राजनीति में गहरी रुचि होने के बावजूद उसने अचानक संसद के बाहर प्रदर्शन किया।
बताया जा रहा है कि नीलम का परिवार हरियाणा के गांव घसो खुर्द में रहता है और उसके पिता कोहर सिंह उचाना मंडी में हलवाई का काम करते हैं। नीलम के परिवार में तीन बहनें, दो भाई और माता-पिता हैं। उसके चाचा गांव में किराना की दुकान चलाते हैं। नीलम गुरुकुल खेड़ा में संस्कृत से पढ़ाई की है और उसने बीए, एमए, एम फिल, नेट, सीटेट, एचटेट क्वालीफाई किए हैं। नीलम ने हाल ही में हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करते हुए एक पीजी में रहते हुए दिल्ली में प्रदर्शन किया। जिस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। नीलम की मां सरस्वती ने बताया कि वह नहीं जानती कि बेटी ने ऐसा क्यों किया, और उसने इसकी अनुमति भी नहीं दी थी।

कोई नहीं सुन रहा नीलम की आवाज
नीलम के बयान में यह सामने आया है कि उसका नाम नीलम है और भारत सरकार द्वारा उपेक्षित मामलों के खिलाफ उनकी आवाज उठाई जा रही है। जिसका प्रमाण टॉर्चर और लाठी चार्ज है। उसने बताया कि वह एक स्टूडेंट हैं और उनके माता-पिता मजदूरी करते हैं, लेकिन उनकी आवाज को कोई नहीं सुन रहा। नीलम के परिवार के गांव वाले भी उसके प्रदर्शन के बाद स्तब्ध हैं।

किसान आंदोलन व अन्य प्रदर्शनों में भी रही शामिल
नीलम की मां सरस्वती ने बताया कि उनकी बेटी ने हिसार में पढ़ाई कर रही थी और उसने हाल ही में एचटीईटी का एग्जाम दिया था। नीलम ग्राम के छात्राओं को पढ़ाने का काम कर रही थी, लेकिन कुछ गांव वालों ने इस पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद नीलम ने यह काम बंद कर दिया। इसके बाद वह किसान आंदोलन और अन्य प्रदर्शनों में भी शामिल रहीं।