Haryana सरकार ने अपराधों के गवाहों की सुरक्षा को लेकर एक अहम कदम उठाया है। ‘हरियाणा गवाह संरक्षण योजना 2025’ के तहत गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नया नियम जारी किया गया है। इस योजना का उद्देश्य उन गवाहों को सुरक्षा प्रदान करना है, जो गंभीर अपराध मामलों में शामिल हैं और जिनके लिए मौत, आजीवन कारावास या सात साल से अधिक की सजा तय हो सकती है।
कौन-कौन से गवाहों को मिलेगी सुरक्षा?
योजना के तहत गवाहों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है – ए, बी और सी। श्रेणी ए और बी में वह गवाह आते हैं जिन्हें जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद जान का खतरा हो सकता है, जबकि श्रेणी सी में ऐसे गवाह शामिल होंगे, जिनके लिए खतरा मध्यम स्तर का होगा, जैसे गवाहों को उत्पीड़न या धमकियां मिलना।
गवाहों के लिए विशेष सुरक्षा उपाय
इस योजना में गवाहों की सुरक्षा के लिए कई उपाय दिए गए हैं। इनमें गवाह और आरोपी के आमने-सामने आने से बचाने के लिए सुरक्षा प्रबंध, गवाह की पहचान छिपाने के लिए नाम बदलने का विकल्प, और गवाह के घर या कार्यस्थल पर सुरक्षा उपकरणों की स्थापना शामिल है। इसके अलावा, गवाहों को आपातकालीन संपर्क और नियमित गश्त जैसे विशेष सुरक्षा उपाय भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
आवश्यकतानुसार वित्तीय मदद
सरकार गवाहों को वित्तीय मदद भी प्रदान करेगी, जो उनके स्थानांतरण, नए व्यवसाय शुरू करने या अन्य सुरक्षा उपायों में मदद करेगी। गवाहों की पहचान छिपाने के लिए चेहरे और आवाज को मॉडिफाई करने का भी विकल्प होगा।
क्या गवाहों को मिलेगा विशेष कोर्ट कक्ष?
इसके साथ ही, गवाहों को न्यायालयों में सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए विशेष अदालत कक्षों का भी प्रावधान किया जाएगा, जहां गवाही देने के दौरान गवाहों और अभियुक्तों के लिए अलग-अलग मार्ग होंगे।