हरियाणा-पंजाब और चंडीगढ़ समेत कई राज्यों में मंगलवार सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने छापेमारी की है। गैंगस्टर-आतंकी संबंधों की जांच के लिए 30 स्थानों पर एक साथ छापेमारी चल रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, पंजाब के मोगा और फरीदकोट में भी एनआईए की टीमें पहुंची हैं। सुबह तकरीबन 5-6 बजे टीमें स्थानीय पुलिस के साथ पहुंच गईं।
फरीदकोट के कोटकपूरा में नरेश कुमार उर्फ गोल्डी के घर पर टीमें पहुंची हैं। टीमें घर खोज रही हैं। एनआईए ने गोल्डी के किसी रिश्तेदार से मिले दस्तावेज़ के आधार पर छापेमारी की है। मोगा के बिलासपुर गांव में टीम तकरीबन 22 साल के नौजवान रविंदर सिंह से पूछताछ कर रही है। विदेश में बैठे आतंकी-गैंगस्टर्स की कर रहे थे मदद जांच एजेंसी को पता चला था कि विदेशों में बैठे आतंकवादी संगठन देश के उत्तरी राज्यों में हत्याओं और हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए नेताओं और संगठित अपराधिक गिरोहों के सदस्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

तब एनआईए ने 20 सितंबर 2022 को खुद ही एक मामला दर्ज किया था। यह भी सामने आया था कि आतंकी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर नेटवर्क बंदूक चलाने वालों, अवैध हथियार और गोला-बारूद बनाने वालों के माध्यम से सीमा पार आतंकवादी हार्डवेयर, जैसे हथियार, गोला-बारूद विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी में लगा हुआ था। इसको लेकर एनआईए पहले ही विभिन्न गिरोह के 19 सदस्य, 2 हथियार सप्लायर और नेटवर्क से जुड़े एक बड़े फाइनेंसर को गिरफ्तार कर चुकी है। 6 जनवरी को एनआईए ने देश में आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर गठजोड़ को तोड़ने के मकसद से बड़ा कदम उठाया और खूंखार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के संगठित आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट के सदस्यों की मालकियत वाली चार संपत्तियों को जब्त कर लिया था।
देश के कई राज्यों में फैलाया है आपराधिक नेटवर्क

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में एनआईए टीमों द्वारा समन्वित छापेमारी में संपत्तियों को कुर्क किया गया। जिनमें से तीन अचल और एक चल थी। एनआईए ने जांच में पाया कि ये सभी संपत्तियां आतंकवाद की आमदन से प्राप्त थी और इनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने व गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। यूएपीए एनआईए ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था। एजेंसी की जांच से पता चला कि गिरोह ने देश के कई राज्यों में अपने माफिया शैली का आपराधिक नेटवर्क फैलाए थे।
कई सनसनीखेज अपराधों में थे शामिल

ये नेटवर्क कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल थे। लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के साथ-साथ प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा, व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली में इनका हाथ था। एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि इनमें से कई आतंकी साजिशों की साजिश पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों से या भारत की जेलों से चल रहे संगठित आतंकी सिंडिकेट के नेताओं द्वारा रची गई थी। ऐसे में आतंकवाद, माफिया नेटवर्क को नष्ट करने के अपने प्रयासों के तहत एनआईए ने हाल के महीनों में कई ठिकानों पर ये कार्रवाई की थी।