(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) पानीपत के खंड समालखा के गांव भोड़वाल माजरी स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल में बने विशाल पंडाल में हजारों निरंकारी अनुयायियों की उपस्थिति में देश एवं विदेश के जोड़े भी परिणय सूत्र में बंधे। निरंकारी राजपिता के भाई रोहन चांदना का विवाह यूनाइटेड किंगडम से आई पूर्वा साहनी के साथ सादगीपूर्वक इसी सामूहिक विवाह में सम्पन्न हुआ।
संत निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता के सान्निध्य में संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल की धरती पर 77 युगल जोडे़ परिणय सूत्र के पवित्र बंधन में बंधे। सतगुरु माता सुदीक्षा ने सभी नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थ जीवन को भक्ति के साथ जीने का आशीर्वाद प्रदान किया। दांपत्य जीवन की शुरुआत करने और सुखमय जीवन जीने के लिए उनके परिवार के सदस्यों को भी शुभकामनाएं दी।
सतगुरु माता ने पुष्प वर्षा कर वर-वधू को दिया आशीर्वाद
इस साधारण रीति रिवाज में पारम्परिक जयमाला के साथ निरंकारी विवाह का विशेष चिन्ह सांझा-हार भी प्रत्येक जोडे़ को मिशन के प्रतिनिधियों द्वारा पहनाया गया। लावों के दौरान सतगुरु माता ने वर-वधू पर पुष्प-वर्षा कर अपना दिव्य आशीर्वाद प्रदान किया। उनके साथ साध संगत, वर-वधू के संबंधित परिजनों ने भी पुष्प-वर्षा की। निश्चित रूप से यह एक आलौकिक दृश्य था।
भिन्न-भिन्न राज्यों और दूर देशों से शामिल हुए युगल
आज के इस शुभ अवसर पर समूचे भारतवर्ष के भिन्न-भिन्न राज्यों एवं दूर देशों से विवाह हेतु कुल 77 युगल सम्मिलित हुए।जिनमें मुख्यतः भारतवर्ष से दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश राज्य एवं विदेश से यूएई, इंग्लैण्ड देश इत्यादि है। सामूहिक विवाह के उपरांत सभी के लिए भोजन की समुचित व्यवस्था निरंकारी मिशन द्वारा की गई।
गृहस्थ जीवन सबसे बड़ी तपस्या: निरंकारी माता सुदीक्षा जी महाराज
नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने कहा कि भक्ति करते हुए गृहस्थ जीवन में रहना ही सबसे बड़ी तपस्या है। आज के समय में गृहस्थी में प्रत्येक महिला एवं पुरूष का समान रूप से योगदान होना चाहिए। सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने नवविवाहित जोड़ों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया और उनके सुखद जीवन की मंगल कामना की।