हरियाणा के 17 जिलों में हुई सीईटी की ग्रुप-डी की परीक्षा रविवार को संपन्न हो गई। दोनों दिनों में कुल 8,54,561 अभ्यार्थी (62 प्रतिशत) परीक्षा देने पहुंचे। ग्रुप-डी के 13,536 पदों के लिए 13.75 लाख अभ्यर्थियों ने अपना पंजीकरण कराया था। इनमें से 10,86,707 ने एडमिट कार्ड डाउनलोड किए थे। यानि दोनों दिन में 5.21 लाख अभ्यार्थियों ने परीक्षा नहीं दी।
दूसरे दिन ग्रुप-डी की भर्ती के लिए 4,31,189 (62 प्रतिशत) अभ्यार्थियों ने परीक्षा दी। हालांकि परीक्षा के दौरान प्रदेश के आठ शहरों में डेढ़ दर्जन से ज्यादा अभ्यार्थियों की जगह परीक्षा देने पहुंचे मुन्ना भाई भी पकड़े गए। यह मामले अंबाला, हिसार, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पलवल, महेंद्रगढ़ और चंडीगढ़ में सामने आए हैं। शनिवार को हुई सीईटी की परीक्षा में 18 और रविवार को 8 फर्जी अभ्यार्थियों को केंद्रों से गिरफ्तार किया गया। जिनका 3 से 5 लाख रुपये सौदा होने की बात कही जा रही है।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने कुल 34 अभ्यार्थियों को संदिग्ध माना है। जिनकी वास्तविकता की जांच की जा रही है। एचएसएससी की मानें तो एक माह के अंदर सीईटी की परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा। इसके लिए नार्मेलाइजेशन फार्मूला अपनाया जाएगा। इससे पहले यही फार्मूला ग्रुप-सी की संयुक्त पात्रता परीक्षा में अपनाया गया था। हालांकि इसके विरोध में काफी संख्या में अभ्यार्थी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट भी पहुंच गए थे, लेकिन एचएसएससी का कहना है कि चार चरणों में में परीक्षा होने के चलते यही फार्मूला लगाया जाएगा।

परीक्षा पास होने के बाद सौदे की राशि देने की हुई थी बात
सीईटी की परीक्षा के दौरान केंद्रों से पकड़े गए मुन्ना भाईयों ने खुलासा किया है कि वह असली परीक्षार्थी की जगह पेपर देने आए थे। उन्होंने परीक्षा देने के लिए 3 से 5 लाख रुपये में सौदा तय किया था। इसके लिए शर्त भी थी कि यह राशि परीक्षा पास करवाने के बाद दी जाएगी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। कुछ आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है, जबकि कुछ को जेल भेज दिया गया है।
शनिवार को कुरुक्षेत्र के एक केंद्र से पकड़े गए कैथल के विकास को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। उसने बताया कि अभ्यार्थी पुरुषोत्तम का उसके साथ 3 लाख रुपये में सौदा हुआ था। पेपर पास होने पर ही पैसे दिए जाने थे। शनिवार को पकड़े गए सभी फर्जी अभ्यर्थियों में कुछ को एक-एक दिन के रिमांड पर लेने के बाद अन्यों को जेल भेज दिया गया।
शिक्षक भी बना फर्जी अभ्यार्थी, साला पहुंचा जीजा की जगह
हिसार में पकड़े गए फर्जी अभ्यार्थियों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि उन्होंने परीक्षा देने के लिए 3 से 5 लाख रुपये में सौदा तय किया था। यह कैश परीक्षा पास करवाने के बाद लेना था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
फर्जी अभ्यार्थियों में एक शिक्षक हिसार के गांव खैरी निवासी पवन कुमार निजी स्कूल में शिक्षक है। वह गांव के ही परीक्षार्थी संजय कुमार की जगह पेपर देने पहुंचा था। इसी तरह अंबाला में एक साला करनाल निवासी प्रदीप अपने जीजा यमुनानगर निवासी विनोद कुमार की जगह परीक्षा देने पहुंचा था। जिसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।
मुख्यमंत्री खुद लेते रहे हर पल की जानकारी
एचएसएससी के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी का कहना है कि दो दिन चार चरणों में चंडीगढ़ और हरियाणा के 17 जिलों में सीईटी की परीक्षा हुई। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा की निगरानी के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया था। इसके अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद भी हर पल की जानकारी लेते रहे।
भोपाल सिंह का कहना है कि दोनों दिनों की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। हालांकि इन दिनों में कुछ फर्जी अभ्यार्थियों को भी दबोचा गया है। जिसकी शिकायत संबंधित थाना पुलिस को दी गई है। इनमें कुल 34 अभ्यार्थियों को संदिग्ध माना गया है। आयोग की ओर से इनके दस्तावेजों सहित सीटीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।