हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को और स्वस्थ भोजन मिलेगा। अब बच्चों को दही-पराठे के साथ अन्य स्वस्थ और पौष्टिक चीजें भी मिलेंगी। सरकार ने इसके लिए एक नया मेन्यू तैयार किया है। इस मेन्यू में पौष्टिक बाजरा, चना, और पौष्टिक खिचड़ी के साथ सब्जी पुलाव जैसे व्यंजन शामिल हैं।
बता दें कि केंद्र की योजना के तहत सभी सरकारी, स्थानीय निकायों और सरकारी सहायता प्राप्त निजी संस्थाओं द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन दिया जाएगा। जिसको लेकर 658 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई पीएम पोषण योजना की स्टेट लेवल संचालन-सह-निगरानी समिति की बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए 658 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी गई है। इसमें राज्य का हिस्सा 457.26 करोड़ रुपए, जबकि केंद्र सरकार का हिस्सा 200.74 करोड़ रुपए होगा। मुख्य सचिव ने मीटिंग में अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी पीएम पोषण योजना के बेहतर क्रियान्वयन और उपयोग पर ध्यान दें, ताकि बच्चों को पोषण व प्रोटीन युक्त भोजन मिल सके।
सरकार का प्रयास, गुणवत्तायुक्त मिले भोजन
हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा संचालित पीएम पोषण योजना राज्य के 8671 प्राथमिक स्कूलों एवं 5582 उच्च प्राथमिक विद्यालयों सहित कुल 14,253 विद्यालयों में संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से देश के अन्य राज्यों का सर्वे करके बच्चों को पूर्ण रूप से प्रोटीन और पोषणयुक्त भोजन देने की जानकारी मांगी। सरकार का प्रयास है कि स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तायुक्त भोजन मिले, ताकि उन्हें कुपोषण की समस्या से निजात दिलवाई जा सके।
राष्ट्रीय कार्यक्रम का नाम होगा अब पीएम पोषण
प्राथमिक शिक्षा के लिए पोषण संबंधी खाद्य सामग्री प्रदान करने लिए चलाए जा रहे मिड-डे-मील के राष्ट्रीय कार्यक्रम को अब पीएम पोषण के नाम से जाना जाता है। मीटिंग में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा और आयुक्त एवं सचिव पी अमनीत कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
कुक मानदेय संशोधित कर किया 7 हजार
योजना के तहत हरियाणा में कुक को 7000 रुपए का वेतन दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा कुक कम हेल्पर्स के लिए 1000 रुपए मानदेय निर्धारित किया गया था, जिसमें केंद्र का 600 रुपए तथा राज्य सरकार का 400 रुपए हिस्सा था, लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा इनका मानदेय संशोधित करके 7000 रुपए किया गया है। इसमें राज्य का योगदान 6400 रुपए और केंद्र का योगदान 400 रुपए है।