Haryana सचिवालय में फाइलों के निपटारे को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की भूमिका और अधिक स्पष्ट और मजबूत हो गई है। सरकार ने कार्यालय प्रक्रिया मैनुअल (Office Procedure Manual) में संशोधन करते हुए यह तय कर दिया है कि सचिवालय में चलने वाली हर महत्वपूर्ण फाइल पर अब मुख्यमंत्री की राय, आदेश या निर्णय प्रत्यक्ष रूप से दर्ज किए जाएंगे।
इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसके तहत मुख्यमंत्री से जुड़े अधिकारी — मुख्य प्रधान सचिव (CPSCM), प्रधान सचिव (PSCM), अतिरिक्त प्रधान सचिव (Addl PSCM), और डिप्टी PSCM — अब मुख्यमंत्री के निर्देशों को फाइल पर दर्ज कर अपने हस्ताक्षरों से जारी कर सकेंगे।
फाइलों पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया अब स्पष्ट
अब तक की व्यवस्था में फाइलों पर निर्णय या आदेश अक्सर CM के अधिकारियों की ओर से मौखिक या अलग से नोट्स के ज़रिए किए जाते थे। हालांकि दस्तावेज़ी स्पष्टता नहीं होने के कारण यह विषय विवाद और भ्रम का कारण बनता रहा। एक सीनियर IAS अधिकारी ने इस मुद्दे को बार-बार उठाया था कि मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होना जरूरी है।
पहली बार CPSCM की भूमिका दर्ज
हरियाणा में CPSCM की नियुक्ति हाल ही में हुई थी — पहले डीएस ढेसी और अब राजेश खुल्लर इस पद पर हैं। नए संशोधन में पहली बार इस पद की जिम्मेदारियां औपचारिक रूप से मैनुअल में दर्ज की गई हैं।
क्या बदला है? पहले और अब के आदेशों में फर्क
| पहले की व्यवस्था | अब नया संशोधन |
|---|---|
| मुख्यमंत्री के निर्देश नोट्स में होते थे, जो फाइल का हिस्सा नहीं माने जाते थे। | अब हर आदेश, राय, निर्णय सचिवालय फाइल पर रिकॉर्ड होगा। |
| अफसर मुख्यमंत्री के निर्देश मौखिक या अलग पन्नों पर दर्ज करते थे। | अब वे CM के निर्णय को फाइल पर हस्ताक्षर सहित जारी करेंगे। |
| CPSCM का मैनुअल में कोई उल्लेख नहीं था। | अब CPSCM को भी आधिकारिक भूमिका दी गई है। |
मुख्यमंत्री की भूमिका अब और प्रभावी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कार्यशैली में पारदर्शिता और नियंत्रण के इरादे से यह बदलाव किया गया है। अब CMO का सचिवालय पर प्रत्यक्ष नियंत्रण और अधिक मजबूत होगा। इसके साथ ही किसी भी आदेश या निर्णय को भविष्य में विधिक या प्रशासनिक चुनौती देना कठिन हो जाएगा।





