हरियाणा के नूंह में डेढ़ महीने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों ने सोमवार को नई अनाज मंडी में एकत्रित होकर हुंकार भरी। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिले भर की आशा वर्करों ने गिरफ्तारी दी।
पुलिस उनको रोडवेज बसों में भर कर ले गई और कुछ देर बाद रिहा कर दिया। जेल भरो आंदोलन के दौरान महिला पुलिस के साथ भी आशा वर्करों की तीखी नोकझोंक हुई। आशा वर्कर्स की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया।
26 हजार वेतन की मांग को लेकर चलाया जेल भरो आंदोलन
बता दें कि आशा वर्कर्स सोमवार को जेल भरो आंदोलन को लेकर नूंह अनाजमंडी में पहुंची। बाद में वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पैदल मार्च करते हुए लघु सचिवालय तक पहुंची। आशा वर्करों ने जेल भरो आंदोलन को लेकर गिरफ्तारी दी। आशा वर्करों की मांग है कि उन्हें नौकरी में पक्का करते हुए महीने का वेतन 26 हजार रुपए किया जाए। इसके अलावा वर्करों की अन्य प्रकारों की मांगों को भी पूरा किया जाए।
सरकार का आशा वर्करों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं
आशा वर्करों ने कहा कि उनकी इन मांगों पर सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहीं हैं। जबकि लंबे समय से आशा वर्कर मांग कर रहीं हैं। आज आशा वर्कर स्वास्थ्य विभाग में रीढ़ की हड्डी की तरह काम कर रही हैं। बावजूद इसके उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। सरकार इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहीं। लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आरपार की लड़ाई लड़ेंगे।
क्या हैं आशा वर्करों की मांगे
प्रदेश की 20 हजार आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, 26 हजार न्यूनतम वेतन, इन्सेंटिव में 50 प्रतिशत कटौती को बहाल करने, ईपीएफ-ईएसआई की सुविधा, सेवानिवृत्त आयु 60 वर्ष, सम्मानजनक पेंशन, ग्रेजुएटी देने की मांगों को लेकर आठ अगस्त से हड़ताल पर डटी हुई है। अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही आशा वर्कर्स ने गिरफ्तारियां दी हैं। सरकार की तरफ से उनकी मांगों को लेकर वार्ता का समय निश्चित किया गया है। इसके बाद सभी आशा वर्कर्स को रिहा कर दिया गया है।