nuh

Haryana के Nuh में जबरन डिलीवरी से जच्चा-बच्चा की मौत, डॉक्टर फरार

नूंह

Haryana के Nuh जिले में एक निजी जच्चा-बच्चा केंद्र में गर्भवती महिला और नवजात की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने जबरन नॉर्मल डिलीवरी कराने का प्रयास किया, जबकि डिलीवरी का समय नहीं हुआ था। इस दौरान महिला और बच्चा दोनों गंभीर स्थिति में आ गए।

डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप
परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने आयशा नाम की गर्भवती महिला को दवा दी, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। डिलीवरी के दौरान बच्चा महिला के प्राइवेट पार्ट में फंस गया और ढाई घंटे तक तड़पता रहा। इस प्रक्रिया में बच्चे की मौत हो गई, और खून का बहाव रुकने के कारण महिला की भी हालत बिगड़ गई।

घटना के बाद क्लिनिक पर ताला, डॉक्टर फरार
मृतका के परिजनों का कहना है कि घटना के बाद संबंधित जच्चा-बच्चा केंद्र के बाहर का नाम मिटा दिया गया और वहां ताला लगा दिया गया। आरोपी डॉक्टर बबली, उनके पति गोविंद, और डॉक्टर साबिर फरार हैं।

क्या है मामला?
पीड़ित परिवार ने बताया कि आयशा को जांच के लिए पुन्हाना के एक निजी जच्चा-बच्चा केंद्र में ले जाया गया। केंद्र के डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी की बात कही, लेकिन परिजनों ने मना किया क्योंकि डिलीवरी का समय पूरा नहीं हुआ था। इसके बावजूद डॉक्टर ने जबरदस्ती डिलीवरी करने की कोशिश की।

नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में मृत घोषित
डिलीवरी के दौरान आयशा की हालत गंभीर हो गई। उसे नल्हड़ मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

स्वास्थ्य विभाग की जांच शुरू
नूंह के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ. सर्वजीत कुमार ने बताया कि घटना की शिकायत मिलते ही स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। जिले में चल रहे अवैध जच्चा-बच्चा केंद्रों की सूची बनाई जा रही है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

परिवार का सवाल: कब रुकेगी ऐसी घटनाएं?
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि यह घटना डॉक्टरों की लापरवाही और अवैध केंद्रों की लचर निगरानी का नतीजा है। वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

यह घटना चिकित्सा क्षेत्र में मानवता और नैतिकता पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।

Read More News…..