प्रदेश के नूंह में हुई हिंसा के मामले में एसआईटी द्वारा वीरवार को कांग्रेस विधायक मामन खान से पूछताछ की जानी थी। जिसको लेकर पुलिस द्वारा उन्हें नगीना थाना में बुलाया गया था, लेकिन शाम तक मामन खान नगीना थाना नहीं पहुंचे। जिसको लेकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम उनका शाम तक इंतजार करती रही। सूत्रों के अनुसार मामन खान की ओर से पुलिस को तबीयत खराब होने का हवाला दिया गया है। हालांकि अभी तक किसी अधिकारी या फिर विधायक की ओर से ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
एसआईटी प्रमुख और फिरोजपुर-झिरका के डीएसपी सतीश कुमार की मौजूदगी में उनसे पूछताछ होनी है, उन्हें एसआईटी की ओर से 5 दिन पहले नोटिस देकर 30 अगस्त को बुलाया गया था, लेकिन बुधवार को छुट्टी के चलते एक दिन बाद यानि गुरुवार उन्हें हाजिर होना था। नूंह जिले की फिरोजपुर-झिरका सीट से कांग्रेस के विधायक मामन खान पर आरोप हैं कि हिंसा भड़काने में उनकी भूमिका रही। वहीं दावा किया जा रहा है कि हिंसा में गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों ने विधायक के समर्थक होने की बात पुलिस को बताई है।
एक दिन पहले बिट्टू बजरंगी को मिली कोर्ट से जमानत
ज्ञात रहे कि 31 जुलाई को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर पथराव के बाद हिंसा हो गई थी। हिंसा की आग पड़ोसी जिले गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद तक पहुंच गई थी। जिसमें होमगार्ड के 2 जवानों सहित 6 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इतना ही नहीं 150 से ज्यादा गाड़ियां फूंक दी गई थी। नूंह की हिंसा में विधायक मामन खान के अलावा गौरक्षक मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी पर आरोप लगे थे, बिट्टू बजरंगी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। एक दिन पहले ही बिट्ट को नूंह की कोर्ट से जमानत मिली है। मोनू मानेसर से अभी किसी तरह की पूछताछ नहीं हुई है।
मेवात के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं
वहीं हिंसा से एक दिन पहले विधायक मामन खान ने ट्वीट किया था कि मेवात के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं। आप के लिए विधानसभा में लड़ाई लड़ी यहां पर भी लड़ेंगे। बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया था। हिंसा के बाद कई आरोपी पकड़े गए। जो विधायक के समर्थक पुलिस की ओर से बताए गए। इसके अलावा इसी साल विधानसभा में भी मामन खान ने मोनू मानेसर को लेकर एक बयान दिया था, जिसे भी इस हिंसा से जोड़कर देखा जा रहा है।