Hisar Civil Hospital

Hisar : Civil Hospital में लापरवाही से चली गई एक जान, पत्नी का आरोप 3 घंटे तक नहीं हुई पति की संभाल, Doctor कटवाते रहे चक्कर, बाथरुम में मिला मृत

बड़ी ख़बर हरियाणा हिसार

हरियाणा के जिला हिसार के नागरिक अस्पताल में लापरवाही के चलते एक युवक की जान चली गई। अस्पताल में करीब 32 वर्षीय युवक की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसकी पत्नी का आरोप है कि करीब 3 घंटे तक उसके पति को इलाज की कोई सुविधा नहीं दी गई। डॉक्टर व स्टाफ कभी इमरजेंसी तो कभी ओपीडी की पर्ची कटवाने के लिए ही चक्कर कटवाते रहे। इसी दौरान उसके पति की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने मामले में सिर्फ जांच का आश्वासन दिया है, बल्कि कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

शिव नगर निवासी जितेंद्र को परिजन बीमारी की हालत में सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उसकी पत्नी शिवानी ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। दोनों की 7 साल पहले शादी हुई थी। शादी से दो लड़के हैं। पति मजदूरी करता था। उसके पति को उल्टी व दस्त लग रहे थे। रात को ज्यादा तबीयत बिगड़ गई। ऐसे में वह घबरा गई और अपने पति को सुबह करीब 7 बजे ऑटो में नागरिक अस्पताल लेकर पहुंची। इसके बाद सीधी इमरजेंसी में पहुंची। आरोप है कि इस दौरान अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ की लापरवाही के चलते उसके पति की मौत हो गई। अस्पताल स्टाफ उसके पति का इलाज करने की बजाय उसे इधर-उधर घुमाता रहा।

ओपीडी खुलने का करते रहे इंतजार

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शिवानी का आरोप है कि डॉक्टर ने उनके पति को पहले बुखार की एक गोली दी। इसके बाद इमरजेंसी से उसे ओपीडी की पर्ची कटवाने के लिए बोला गया। वह ओपीडी की पर्ची कटने का इंतजार करने लगे। करीब 8.30 बजे पर्ची कटना शुरू हुई। इसके बाद कमरा नंबर 1 की पर्ची कटवाई, जहां करीब 20-25 मिनट में नंबर आया। इसके बाद डॉक्टर ने फिर से इमरजेंसी में भेज दिया।

बाथरुम में गिरा मिला युवक

शिवानी ने बताया कि इमरजेंसी में जाने के बाद उसके पति के टैस्ट लिए गए। मौके पर मौजूद स्टाफ ने पति को बाथरूम करवाने के लिए कहा। वह अपने पति को लेकर बाथरूम गई। कुछ देर तक पति बाहर नही आए तो देखा कि पति बाथरूम में गिरे हुए थे। एक अन्य व्यक्ति की सहायता से इमरजेंसी में कमरे में लेकर गई। कुछ देर बाद डॉक्टर ने कहा कि आपके पति की मौत हो चुकी है।

3 घंटे तक नहीं हुई संभाल, कभी इमरजेंसी तो कभी ओपीडी के कटवाए चक्कर

महिला शिवानी का आरोप है कि पति के इलाज के लिए कभी इमरजेंसी व ओपीडी के चक्कर काटती रही। 3 घंटे तक कोई संभाल नहीं हुई। अगर उसके पति का सही समय पर इलाज हो जाता तो शायद उनकी मौत नहीं होती है। फिलहाल शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। अस्पताल प्रबंधन को मामले से अवगत कराया गया है। उन्हें सिर्फ जांच करने का आश्वासन दिया गया है।

इस संबंध में पीएमओ डॉ. रतना भारती का कहना है कि वह मीटिंग में थी। अस्पताल में मौत की सूचना मिली है। इमरजेंसी वार्ड में दोपहर 12 रिपोर्ट की गई। कई बार दस्त लगने वाले मरीज को ओपीडी में भेज देते हैं। युवक की मौत के मामले में सं​बंधित डॉक्टर व अन्य कर्मचारी से जानकारी ली जाएगी।