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पहलवान विशाल कालीरामण के समर्थन में फूंका बजरंग पूनिया का पुतला, परिवार ने की न्याय की मांग

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एशियन खेल में पहलवान बजरंग पूनिया को बिना ट्रायल भेजे जाने के विरोध में सिसाय निवासी पहलवान विशाल कालीरामण के परिवार और समर्थकों ने बुधवार को हिसार के क्रांतिमान पार्क पहुंचकर विरोध जताया। लोग बजरंग गद्दार है के नारे लगाकर रोष प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले पहलवान बजरंग पूनिया का पुतला फूंका गया।

इस दौरान पहलवान विशाल के परिजनों ने लोगों के साथ मिलकर सरकार से मांग की है कि बिना ट्रायल के बजरंग पूनिया को खेलने न भेजा जाए। सरकार और कुश्ती फेडरेशन को बजरंग और विशाल का ट्रायल करवाना चाहिए। विशाल कालीरामण के बड़े भाई कृष्ण ने कहा कि हम काला दिवस मना रहे हैं। उन्होंने इस बात को लेकर धरना दिया था कि छोटे बच्चों के साथ अन्याय न हो, लेकिन अब वह खुद बच्चों का हक खा रहे है। धरने के जरिए सरकार पर दबाव बनाया और अब खुद कट रास्ते से गेम खेलने जा रहा है।

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लोगों ने आरोप लगाया कि हमें तो यही लग रहा है कि यह धरना भी इसीलिए दिया था, क्योंकि इसके बाद से बृजभूषण के खिलाफ कोई भी बयान सामने नहीं आया। यदि विशाल के साथ न्याय नहीं किया गया तो सभी लोग मिलकर पूरे मामले के खिलाफ धरना देकर अनशन करेंगे। साथ ही कोर्ट जाकर न्याय की गुहार लगाएंगे। वह अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे।

दिल्ली धरने पर परिवार के साथ गई और आज मेरे बेटे पर ही छुरी रख दी

विशाल की मां राजबाला ने कहा कि मेरे बेटे के साथ अन्याय हो रहा है। 8 साल की उम्र से वह कुश्ती कर रहा है। जब अब मौका मिलने का समय आया है तो उसके साथ अन्याय किया जा रहा है। विशाल सारे देश का बेटा है। राजबाला ने कहा कि दिल्ली धरने पर मैं अपने परिवार को भी लेकर गई थी, लेकिन आज मेरे बेटे के ऊपर ही छुरी रख दी। मेरे बेटे के साथ न्याय होना चाहिए। पहले कुश्ती लड़े और फिर चला जाए। इसके लिए हमने इनाम भी रखा है। बेटे को न्याय दिलाने के लिए चाहे जो करना पड़े, वह करेंगे। अगर बड़े लोग कहेंगे तो अनशन भी शुरू किया जाएगा।

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अगर कुश्ती करनी है तो एशियन गेम से पहले क्यों नहीं

वहीं दूसरी ओर बजरंग पूनिया ने विशाल के साथ कुश्ती करने की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने एशियन गेम से लौटने के बाद कुश्ती लड़ने की बात कही है। विशाल के भाई कृष्ण कालीरामण ने कहा कि अगर कुश्ती करनी है तो एशियन गेम से पहले क्यों नहीं कर लेते। अगर विशाल जीते तो उसे ही एशियन गेम के लिए भेजा जाए।

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