कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया है कि वह अपने लिए हरियाणा में लोकसभा सीटों पर आप पार्टी को कोई स्थान नहीं देगी, बल्कि उनके उम्मीदवार सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इस साल के चुनावों में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस ने इंडिया अलायंस नामक गठबंधन बनाया है, जिसमें वे कई राजनीतिक दलों के साथ मिलकर खड़े हो रहे हैं, इस गठबंधन में आप पार्टी भी शामिल है।
बता दें कि कांग्रेस ने ऐसे पैरामीटर्स तय किए हैं, जिन पर आधारित होकर पार्टी सीटों को बांट रही है। उनका मुख्य मापदंड 2019 के चुनावों में पार्टियों का प्रदर्शन है। उन्होंने तय किया है कि जहां कांग्रेस के उम्मीदवारों ने 2019 में दूसरी पॉजीशन पर रहा, वहां उन सीटों को किसी दूसरे दल को नहीं दिया जाएगा, वहां कांग्रेस अपने उम्मीदवार चुनेगी। भाजपा ने 2019 के चुनावों में हरियाणा की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी और कांग्रेस के उम्मीदवार वहां दूसरे नंबर पर थे। इसी आधार पर कांग्रेस ने फिर से हरियाणा की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का फैसला किया है।
नॉर्थ ईस्ट और केंद्र शासित प्रदेशों की 20 सीटों पर उतारेंगे अपने उम्मीदवार
कांग्रेस ने नेशनल अलायंस कमेटी मीटिंग में तय किया कि नॉर्थ ईस्ट और केंद्र शासित प्रदेशों की सभी 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। उन्होंने हरियाणा, हिमाचल, आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान की सभी सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। जबकि तेलंगाना और उत्तराखंड की 22 सीटों में से भी किसी को नहीं देंगे।
उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए बनाई कमेटियां
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से पहले कांग्रेस चाहती है कि सीटों का बंटवारा 14 जनवरी से पहले तय हो जाए। वह यात्रा के दौरान 15 राज्यों में जाएंगे। चुनावी तैयारी के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए कमेटियां बनाई हैं। हरियाणा के लिए बनी कमेटी में भक्त चरणदास की जिम्मेदारी है, उन्हें कई राज्यों की भी जिम्मेदारी मिली है। कांग्रेस के नेताओं के साथ भी सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई है, लेकिन हरियाणा में आप के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है।