सीईटी की परीक्षा में रविवार और सोमवार के प्रश्नपत्र में 41 प्रतिशत पूछे गए रिपीट सवाल

पंचकुला

विवादों में रही सीईटी की परीक्षा में एक ओर विवाद जुड़ गया। भर्ती एक्टिविस्टों ने दावा किया कि रविवार और सोमवार के पेपर में 41 प्रतिशत सवाल रिपीट है। भर्ती एक्टिविस्ट श्वेता ढुल ने बताया कि सोमवार व रविवार की परीक्षा में 41 प्रतिशत पेपर रिपीट किए गए हैं। यह किसी भी मायने में स्वीकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर एचएसएससी कर क्या रहा है? क्यों इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

बड़ा सवाल : प्रश्न मिल कैसे गए

क्या पेपर एक ही विशेषज्ञ ने सेट किए है। यदि ऐसा है तो यह सही नहीं है, यदि दो अलग अलग विशेषज्ञों ने पेपर सेट किए तो प्रश्न कैसे मिले। दोनो ही स्थिति में एचएसएससी की कार्यप्रणाली पर उंगली उठ रही है। हालांकि आयोग की ओर से दावा किया जाता है कि परीक्षा को लेकर पूरी सावधानी बरती जाती है।

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ग्रुप 56 की योग्यता ग्रेजुएट तो ग्रुप 57 की योग्यता दस जमा दो, फिर सवाल रिपीट क्यों

श्वेता ढुल ने बताया कि ग्रुप 56 और ग्रुप 57 की परीक्षा आयोजित की गई। ग्रुप 56 की परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों की योग्यता ग्रेजुएशन है। ग्रुप 57 में जो आवेदक है, वह दस जमा दो की योग्यता वाले पदों के लिए परीक्षा दे रहे थे। जब दोनो परीक्षाओं की शिक्षा के स्तर में अंतर है, फिर तो प्रश्न मिलने ही नहीं चाहिए थे।

लगातार विवादों में सीईटी

सीईटी को लेकर सरकार लगातार विवादों में हैं। कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और किरण चौधरी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। जब परीक्षा लेने की बारी आई तो मामला हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट में चला गया। कोर्ट ने स्टे दिया तो सरकार रात में फिर से अदालत पहुंची। अगले दिन परीक्षा का रास्ता साफ हुआ, लेकिन तब तक ग्रुप 56 की परीक्षा का दिन निकल चुका था। इसलिए सोमवार को यह परीक्षा आयोजित की गई है।

यह तो मजाक हो रहा है: बलराज कुंडू

इधर विधायक बलराज कुंडू ने बताया कि परीक्षा के नाम पर मजाक चल रहा है। इस मसले पर सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। यह उम्मीदवारों के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। सरकार को उम्मीदवारों से इस मसले पर माफी मांगनी चाहिए।

बार-बार पेपर में प्रश्रों को रिपीट किया जाने से बड़ी धांधली की बू आ रही : अभय चौटाला

इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार ने सरकारी नौकरी देने के लिए गठित किए गए एचएसएससी और एचपीएससी को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। 2022 में ग्रुप सी और डी की भर्ती के लिए सीईटी का पेपर देना अनिवार्य कर दिया गया था। एचएसएससी द्वारा आयोजित सीईटी के पेपर के लिए सरकारी नौकरी की आस में लाखों बच्चों ने फॉर्म भरे थे।

रविवार को सीईटी के ग्रुप 56 का पेपर लिया गया था, उसके बाद सोमवार को लिए गए सीईटी के ग्रुप 57 के पेपर में 41 प्रश्र रिपीट किए गए हैं। प्रश्रों को रिपीट करने का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी धांधली करने के फेर में प्रश्रों को रिपीट किया गया था। बार-बार पेपर में प्रश्रों को रिपीट किया जाने से बड़ी धांधली की बू आ रही है। भाजपा सरकार की सरकारी नौकरियों में बिना पर्ची-खर्ची की पोल लगातार खुलती जा रही है।