पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट(High Court) में फर्जी आईपीएस(IPS) अधिकारी बनकर लोगों से उगाही करने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की जांच(investigate) सीबीआई(CBI) करेगी। मामले में हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का भी नाम है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने आरोपी विनय अग्रवाल(Vinay Agarwal) नाम के व्यक्ति को सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए थे। इसके अलावा एस्कॉर्ट वाहन भी मुहैया कराया गया था। विनय अग्रवाल(Vinay Agarwal) खुद को आईजी बताता था।
जस्टिस मंजरी नेहरू कौल(Justice Manjari Nehru Kaul) ने अपने आदेश में कहा कि हरियाणा पुलिस के अधिकारी न तो अपनी ड्यूटी पर थे और नहीं अवकाश पर। इसके बावजूद विनय अग्रवाल(Vinay Agarwal) के साथ हिमाचल में मौजूद थे। यह काफी गंभीर मामला है। पंचकूला के सेक्टर-20 निवासी सिंबोसिस समूह के निदेशक जगबीर सिंह ने मामले में शिकायत दर्ज करवाई है। उनका आरोप है कि विनय अग्रवाल, हिमाचल प्रदेश के ड्रग अधिकारी निशांत सरीन, कोमल खन्ना और अन्य ने सात करोड़ रुपए की उगाही की है।

हाईकोर्ट ने फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर लोगों से उगाही करनें के मामले में सीबीआई निदेशक से कहा है कि जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में एक एस.आई.टी. का गठन किया जाए। इस मामले में सीबीआई गिरफ्तार आरोपियों से तो जांच करेगी साथ ही जांच का दायरा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि गिरफ्तार आरोपी पूछताछ के दौरान अपने अन्य साथियों के नाम भी उजागर कर सकते है।
फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर लोगों से ठगी के दौरान जिन लोगों ने इनका साथ दिया। सूत्रों से पता चला कि विनय अग्रवाल और उसके सहयोगियों को हिमाचल प्रदेश पुलिस ने पकड़ा था। उसके खिलाफ वहां पर भी मामला विचाराधीन है।