Haryana में चुनावी ऑफिसरों की तैनाती के मामले में विवाद उठा है। विवाद का मुख्य कारण है असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) के अनुभव की मांग। एक शिकायत में यह बताया गया है कि ARO को कम से कम 6 से 15 साल का अनुभव होना चाहिए। इस विवाद में भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को शिकायत की गई है। यहां तक कि कुछ लोगों ने न्यूनतम 5 साल के अनुभव को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि अक्टूबर 2020 में प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देश में एचसीएस कैडर के अधिकारियों के लिए अनुभव को महत्व दिया गया है। यहां तक कि चुनावी ड्यूटी के लिए तैनात किए गए ARO के अनुभव को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। असल में हरियाणा में कुल 90 ARO की तैनाती की गई है। जिसमें से 18 ARO के अनुभव पर सवाल उठे हैं। उन्हें हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) के 2020 बैच के अधिकारी माना गया है। इन ARO को उप-मंडल अधिकारी (नागरिक) के पद पर तैनात किया गया है।
शिकायत में यह मांग की गई है कि ECI को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। हरियाणा सरकार को निर्देश देने के लिए लिखा गया है कि उन्हें न्यूनतम 5 साल के अनुभव वाले अधिकारियों को ही सभी उपमंडलों में तैनात किया जाए, ताकि वे लोकसभा आम चुनाव में सम्बंधित लोकसभा सीट में ARO के रूप में ड्यूटी निभा सकें।