हरियाणा के पंचकूला में पानीपत का फर्जी डीएसपी गिरफ्तार होने का मामला सामने आया है। आरोप है कि इसने 11 युवाओं से करीब 1 करोड़ रुपये लेकर पुलिस में नकली ज्वाइनिंग कराई है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब आरोपी वीरेंद्र ने बैंक में कैश सैलरी जमा कराई। नकली नौकरी पाए युवा बैंक स्टेटमेंट देखकर चौक गए, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में की। पंचकूला में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता और सीआईडी की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जा रहा है कि आरोपी के पास से एक एक्सयूवी 300, फर्जी आई कार्ड, चेक, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, ज्वाइनिंग वाला फर्जी फॉर्म, पुलिस की वर्दी सहित कई सामान बरामद किए हैं। सब इंस्पेक्टर की नौकरी के लिए 20 लाख, कांस्टेबल के लिए 11 लाख और होमगार्ड की नौकरी लगाने के लिए 2.50 लाख रुपये लेता था। बताया जा रहा है कि आरोपी ने गुर्जर भवन में 3 कमरे किराए पर ले रखे थे। वहां सिरसा की 3 लड़कियां और 8 लड़के भी पुलिस को मिले।

जांच के अनुसार 3 लड़कियों व 4 लड़कों को कांस्टेबल, 2 लड़कों को होमगार्ड और 2 लड़कों को सब इंस्पेक्टर बनाने के एवज में उनसे करीब एक करोड़ रुपये लिए थे। वहीं सभी 11 युवाओं का कहना है कि वह जनवरी में आरोपी के संपर्क में आए थे। उसने खुद को पंचकूला का डीएसपी क्राइम होने की बात कहकर हरियाणा पुलिस में नौकरी लगवाने को कहा था।
बताया जा रहा है कि युवाओं ने जब अपने बैंक खातों में आई सैलरी की स्टेटमेंट को चेक किया तो पता चला कि खातों में कैश जमा करवाया गया है। इस पर उन्हें फर्जीवाड़ा का पता चला। जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस को दी। हालांकि पुलिस टीम इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। इस बारे में पुलिस फर्जी आई कार्ड कैसे बनाया गया, मामले की जांच कर रही है। सीएम फ्लाइंग स्क्वॉयड के डीएसपी जितेंद्र सिंह का कहना है कि आरोपी से जानकारी जुटाई जा रही है कि फर्जीवाड़ा में उसके साथ कौन-कौन शामिल हैं। क्या इससे पहले भी उसने ऐसे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर, आई कार्ड कहां से बनवाया था, इसका भी पता किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि आरोपी ने सभी 11 युवाओं को पंचकूला में पोस्टिंग दिलवाने का आश्वासन दिया था। उनसे फॉर्म भरवाए। उसने कहा कि हरियाणा पुलिस का फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर, फर्जी आई कार्ड दिया देकर हरियाणा पुलिस में भर्ती होने की बात कहीं। सैलरी अकाउंट भी खुलवाया। एसआई के बैंक खाते में 28 हजार व बाकियों के खातों में 20 से 25 हजार रुपये जमा कराए गए थे।