हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला(Former CM Chautala) की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल(INLD) को भारत चुनाव आयोग(ECI) ने लास्ट चांस(Last Chance) दिया है। अगर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में यह पार्टी तय वोट प्रतिशत नहीं लाती है, तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है। साथ ही उसका चुनाव चिन्ह भी वापस लिया जा सकता है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला ने भी कहा है कि इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के सिंबल को छीना जा सकता है। यह खतरा किस तरह से उठा है, इसे समझने के लिए गणित की जरूरत है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, किसी भी पार्टी को लगातार 2 चुनाव (लोकसभा और विधानसभा) में निर्धारित वोट प्राप्त नहीं होते हैं तो स्टेट पार्टी का दर्जा छिन जाता है। लोकसभा चुनाव में 6% वोट या एक सीट की जरूरत होती है, जबकि विधानसभा चुनाव में 6% वोट और 2 सीटें चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए, अगर कोई पार्टी इन नियमों को पूरा नहीं करती है, तो उसकी मान्यता खतरे में पड़ सकती है।
इनेलो का नतीजे का अध्ययन करते समय पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में इसका प्रदर्शन उतार-चढ़ाव में रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इनेलो ने 2 सांसदों को भेजा और उन्हें 24.4 प्रतिशत वोट मिले थे। लेकिन 2019 में इसे मात्र 1.9 प्रतिशत वोट मिले।
जेजेपी को मिली 1.47% वोट
2019 के लोकसभा चुनाव में जनता जननायक पार्टी (JJP) का प्रदर्शन भी कम रहा। उसे केवल 4.9 प्रतिशत वोट मिले थे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उसे सिर्फ 1.47% की वोट शेयर मिली। 2016 में हुए एक संशोधन के बाद, INLD को राहत मिली है। अब यह किसी राजनीतिक दल को अपनी पहचान बनाए रखने की अनुमति देता है, भले ही उसकी मान्यता रद्द हो जाए।
INLD और JJP ही दो क्षेत्रीय दल
पार्टी के पूर्व अतिरिक्त सचिव राम नारायण यादव ने इसे पुष्टि की है। पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल ने 1987 में INLD को बनाया था। वर्तमान में हरियाणा में INLD और JJP ही दो क्षेत्रीय दल हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में INLD ने 2 सीटों को जीता था, लेकिन 2019 में इसकी प्रतिष्ठा कमजोर हो गई थी। विधानसभा चुनाव में भी सिर्फ एक ही उम्मीदवार जीत पाया, जो INLD के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के बेटे हैं।