पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट(High Court) ने डेरा सच्चा सौदा(Dera Sacha Sauda) के प्रमुख की याचिका पर सीबीआई(CBI) और पंजाब सरकार को नए नोटिस(Notice) जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट को सूचित किया गया कि प्रक्रिया शुल्क का भुगतान न होने के कारण पहले जारी किए गए नोटिस प्रतिवादी को तामील नहीं हो सके थे। इस पर हाईकोर्ट ने दोबारा नोटिस जारी कर सभी पक्षों को अगली सुनवाई से पहले जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
डेरा प्रमुख ने हाईकोर्ट को बताया कि बेअदबी के मामले में उनके खिलाफ पांच एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें से तीन एफआईआर फरीदकोट में दर्ज हैं। हाईकोर्ट ने पिछले महीने ही इन तीनों एफआईआर में डेरा प्रमुख के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगा दी थी और मामला हाईकोर्ट की बड़ी बेंच को भेज दिया गया है। लेकिन बठिंडा और मोगा में दर्ज एफआईआर में डेरा प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को यह आदेश भी दिया है कि यदि इन मामलों में डेरा प्रमुख के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है, तो उन्हें सात दिन पहले नोटिस दिया जाए।

हाईकोर्ट में दायर याचिका में डेरा प्रमुख ने 2015 में बठिंडा के दयालपुर और मोगा के समालसर में दर्ज बेअदबी मामलों की सीबीआई जांच की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले में आरोपी प्रदीप क्लेर द्वारा फरवरी में मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान के आधार पर पंजाब सरकार अब इन मामलों में उनके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट मांग सकती है।
एफआईआर की सीबीआई जांच
डेरा प्रमुख ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि इन दोनों एफआईआर की सीबीआई जांच की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले भी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की थी और अब भी उनके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किए जा सकते हैं। इसलिए, इन पर रोक लगाई जानी चाहिए।

प्रक्रिया शुल्क का भुगतान नहीं
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि डेरा प्रमुख की याचिका पर पहले जारी किए गए नोटिस प्रतिवादी तक नहीं पहुंच पाए थे, क्योंकि प्रक्रिया शुल्क का भुगतान नहीं किया गया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने नए नोटिस जारी करने का आदेश दिया और सभी पक्षों को अगली सुनवाई से पहले अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
राजनीतिक उद्देश्यों का संदेह
डेरा प्रमुख ने कोर्ट से यह भी कहा कि पंजाब सरकार द्वारा उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों में राजनीतिक उद्देश्यों का संदेह है। उन्होंने कोर्ट से निवेदन किया कि उन्हें न्याय प्रदान किया जाए और उनके खिलाफ दायर एफआईआर की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को निर्देशित किया जाए।







