Punjab में 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट(High Court) ने प्रदीप कलेर को जमानत दे दी है। कलेर ने डेरा प्रमुख राम रहीम और हनीप्रीत(Ram Rahim-Honeypreet) के खिलाफ गवाही दी थी। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को सुनकर इस निर्णय पर पहुंचा है। मामले में पंजाब सरकार ने अपनी राय(Punjab Government Opinion) रखी है।
कलेर ने अपनी याचिका में 2015 में दर्ज FIR के आधार पर जमानत की मांग की थी। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को मंजूरी देते हुए उसे जमानत पर रिहा कर दिया है। हाईकोर्ट ने फैसला देते समय यह भी देखा कि उसके सह-आरोपी जतिंदर वीर अरोड़ा को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें भी जमानत मिल गई है। कलेर ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि उसके सह-आरोपी उसे झूठा फंसाने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि उन्होंने स्वीकार किया था कि वह कुछ मामलों में CRPC की धारा 164 के तहत बयान दे चुके हैं और सरकारी गवाह बनने की संभावना है।

हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को सुनकर उसे जमानत पर रिहा कर दिया है। उसे हाईकोर्ट ने दिया गया आदेश कि वह इस मामले से संबंधित अन्य मामलों में भी जमानत पर रह सकता है, लेकिन उसको सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है।कलेर का वकील ने बताया कि उसको 9 फरवरी से हिरासत में रखा गया था, लेकिन अब तक किसी प्रमुख गवाह से पूछताछ नहीं हुई है। इसके कारण उसकी सुनवाई का समाप्त होने की संभावना नहीं है।

सरकारी गवाह बनने की संभावना
पंजाब सरकार ने अपने जवाब में बताया कि कलेर को जमानत दी जानी चाहिए, उसने कुछ मामलों में जमानत पाई है और अन्य मामलों में धारा 164 CRPC के तहत उसका बयान दर्ज है, जिससे उसे सरकारी गवाह बनाने की संभावना है। इस प्रकार मामला उसके वकीलों और अदालत के बीच चल रहे बहस के बावजूद हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए कलेर को जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया है।