पानीपत में सेक्टर 29 थाना में ट्रांसपोर्टर पति पर गर्भपात समेत अन्य संगीन आरोपों के तहत केस दर्ज करवाने वाली महिला की सभी झूठी कहानियों का पर्दाफाश हो गया है। दो साल आठ महीने बाद पुलिस ने महिला की शिकायत पर दर्ज मुकदमे को रद्द कर दिया।
सेक्टर 29 थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने कहा कि महिला की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया था, लेकिन जांच में सभी आरोप झूठे व बेबुनियाद मिले। जिसके बाद मुकदमा खारिज करते हुए महिला के खिलाफ 182 के तहत कार्रवाई की है।महिला का आरोप था कि उसकी शादी के बाद ससुराल ने उससे नकद 15 लाख रुपए लिए और बाद में दहेज के मामले में प्रताड़ित किया जाने लगा। उसने गर्भपात की दवा लेने के बाद ससुरालियों की मांग की और कहा कि रायगढ़, छत्तीगढ़ में ट्रांसपोर्ट का काम करेगी। पुलिस ने इस मामले पर 19 अप्रैल 2021 को मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन जांच में पाया गया कि इस आरोप का कोई आधार नहीं है और सभी आरोप झूठे हैं। इसके बाद पुलिस ने महिला के खिलाफ 182 के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
झूठा मिला गर्भपात कराने का भी आरोप
मामले में दूसरे जिलों की पुलिस की भी जांच की गई और वहां भी आरोपों का पर्दाफाश हुआ। पानीपत में डीएसपी वीरेंद्र सैनी ने मामले की जांच की और गर्भपात के आरोप झूठे पाए गए। ससुर पर लगाए गए छेड़छाड़ के आरोप भी निराधार मिले। महिला की शिकायतों में दहेज प्रताड़ना और अन्य आरोपों के सबूतों में भी कोई सत्यापन नहीं मिला। इसके बाद महिला ने अंबाला गृहमंत्री अनिल विज को भी शिकायत दी, जिसमें भी उसकी झूठी कहानियों का पर्दाफाश हुआ।
घर से जेवरात लेकर भाग गई थी कनाड़ा
पति सोमबीर ने बताया कि उसकी पत्नी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और घर से छह लाख रुपए व जेवरात लेकर कनाड़ा भाग गई थी। जिसके बाद उसने रायगढ़ पुलिस को शिकायत दी, जिस पर पुलिस ने लुक आउट नोटिस जारी कर उसे भारत बुलाया। उसके बाद उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने मामले की जांच कर झूठे आरोपों को किया बेबुनियाद साबित
वहीं महिला ने पति के परिवार को धोखा देकर जेवर और कैश चोरी किए है, जिसमें पति का दावा है कि उसे बंद करके महिला ने उनके परिवार को धोखा दिया है। इस पूरे मामले में कई झूठे आरोप और दोष झांसे में आए हैं। पुलिस ने सभी मामलों की जांच की है और झूठी आरोपों को बेबुनियाद साबित किया है।