पानीपत: प्रापर्टी टैक्स की वसूली में लगातार ढिलाई और बढ़ते बकायाजनों को देखते हुए पानीपत नगर निगम ने अब सख्त रुख अपना लिया है। मैनपावर की कमी को देखते हुए निगम ने टैक्स वसूली और इससे जुड़ी अन्य सेवाओं के लिए निजी कंपनी को हायर करने का फैसला लिया है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
घर-घर बांटे जाएंगे बिल, मोबाइल पर आएंगे मैसेज
नई व्यवस्था के तहत अब बिजली बिल की तरह प्रापर्टी टैक्स के बिल भी घर-घर बांटे जाएंगे और टैक्स भुगतान संबंधी जानकारी लोगों को मोबाइल मैसेज के जरिए भी दी जाएगी। यह कार्य चुनी गई प्राइवेट कंपनी द्वारा किया जाएगा।
तय होगी कंपनी की जवाबदेही
नए टेंडर की शर्तों के मुताबिक, जिस भी कंपनी को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, उसे निश्चित समयावधि में नागरिकों की शिकायतों का निवारण करना होगा। यदि शिकायतें समय पर हल नहीं हुईं, तो कंपनी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकेगी।
टॉप डिफाल्टरों की नई सूची तैयार
नगर निगम फिर से शहर के टॉप प्रापर्टी टैक्स डिफाल्टरों की सूची तैयार कर रहा है। फिलहाल शहर में 400 से अधिक डिफाल्टर हैं, जिन पर कुल 90 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। इनमें होटल, स्कूल, रेस्टोरेंट और मॉल जैसे 39 प्रमुख संस्थानों पर 66 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है।
पानीपत में इस समय लगभग दो लाख प्रापर्टी टैक्स पेयर हैं, जिन पर कुल मिलाकर एक अरब रुपये का टैक्स बकाया है।