पिछले कई साल से चर्चाओं में बने ऐंजल प्राइम मॉल सैक्टर 11- 12 की पार्किंग की जगह पर अवैध तरीके से बैंकट हॉल बनाए जाने के मामले में 2017 से प्रदर्शन होते रहे तत्कालीन उपायुक्त चंद्रशेखर खरे पानीपत द्वारा बैंकट हॉल को 2017 में सील करने के आदेश भी दिए गए थे, लेकिन राजनीतिक दबाव और सांठगांठ के चलते नोटिस होने के बावजूद इसे सील नहीं किया गया। जिससे त्रस्त होकर शिकायतकर्ता जोगेंद्र स्वामी द्वारा सिविल पिटिशन दायर की।
मामले में 18 दिसम्बर 2018 को शहरी सम्पदा विभाग द्वारा एक झूठा शपथ पत्र कोर्ट में पेश करते हुए कहा कि जुलाई 2017 को ही एसपीपी ने सैक्टर 11- 12 को निगम के हवाले कर दिया था, जबकि हुडा विभाग द्वारा यह केवल रखरखाव के लिए ही नगर निगम को दिया गया था।
जिसमें नक्शा पास करना अलॉटमेंट और कंप्लीशन आज भी एचएसवीपी विभाग के ही पास है, जबकि उस पत्र में झूठ लिखा था कि सारी सर्विस नगर निगम के पास है। कोर्ट को गुमराह करने को लेकर जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने कठोर संज्ञान लेते हुए हुडा ईओ को 50 हजार रुपए जुर्माना करने के आदेश जारी करते हुए लीगल सर्विस कमेटी में 4 सप्ताह के अंदर यह राशि जमा करने के आदेश दिए।
5 नवंबर को कोर्ट ने मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट
मामले में संपदा अधिकारी द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा कमेटी गठित कर दी गई है और एंजेल मॉल मलिक को 17 ( 3 ) के तहत सीलिंग करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। जिसका समय एक महीना होता है, इस पर कोर्ट ने 5 नवंबर 2023 का समय रखते हुए कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।
हादसा होने पर जा सकती है सैंकड़ों की जिंदगी
वहीं पिटीशनकर्ता जोगिंद्र स्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि एंजल प्राइम मॉल में हुडा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते खुलेआम सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गई। इसके बाहर बनी सभी दुकाने पूरी तरीके से अवैध है, नक्शे में कोई भी दुकान नहीं है, जहां पार्किंग की जगह थी, उसमें बैंकट हॉल बना दिया गया। अगर वहां किसी भी प्रकार का हादसा होता है, तो उपहार सिनेमा कांड की तरह सैकड़ों लोगों की जिंदगी जा सकती है।
6 साल बीतने पर भी कोई कार्रवाई नहीं
उन्होंने कहा कि एंजेल मॉल में बाहर निकाली गई सभी दुकान पूरी तरह से अवैध है, लेकिन 6 साल बीतने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे साबित होता है कि जिला प्रशासन और हुडा विभाग किसी दबाव के तहत कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनका उच्च न्यायालय में पूरा भरोसा है और लोगों का जीवन संकट में ना पड़े, इसको लेकर ही उनके द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, जिसका परिणाम अच्छा निकलेगा।