हरियाणा के Panipat में 9 दिसंबर को PM मोदी एक ऐतिहासिक पहल “Bima Sakhi Yojana” का शुभारंभ करेंगे। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
महिला सशक्तिकरण की नई शुरुआत
यह योजना एलआईसी के माध्यम से महिलाओं को बीमा एजेंट के रूप में रोजगार प्रदान करेगी। इस पहल के तहत, महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें बीमा सेवाओं से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने का अवसर दिया जाएगा।
महिलाओं को पहले साल 7,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा, जो अगले दो वर्षों में क्रमशः 6,000 और 5,000 रुपये होगा। इसके अलावा, 2,100 रुपये की प्रोत्साहन राशि और बीमा पॉलिसी पर कमीशन भी प्रदान किया जाएगा। योजना के पहले चरण में 35,000 महिलाओं को जोड़ा जाएगा।
महिला सशक्तिकरण में हरियाणा का विशेष योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में इसी धरती से “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान की शुरुआत की थी। इसका प्रभाव आज स्पष्ट रूप से दिख रहा है, क्योंकि हरियाणा का लिंगानुपात 876 से बढ़कर सराहनीय स्तर पर पहुंच गया है।
कार्यक्रम की भव्य तैयारियां
पानीपत के सेक्टर 13-17 में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को “चलो बहनों मोदी जी से मिलने” नाम दिया गया है। इस कार्यक्रम में लगभग 50,000 महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद है। तीन अलग-अलग मंच बनाए गए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री के लिए मुख्य मंच, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंच, और वीआईपी अतिथियों के लिए मंच शामिल हैं।
बीमा सखी योजना में चयनित महिलाओं को प्रधानमंत्री के मंच के पास स्थान दिया जाएगा। 28 ब्लॉक, विशेष पार्किंग व्यवस्था, और मीडिया गैलरी भी तैयार की गई है।
कार्यक्रम को सफल बनाने की रणनीति
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद संजय भाटिया तैयारियों की देखरेख कर रहे हैं। वहीं, भाजपा महामंत्री डॉ. अर्चना गुप्ता महिला संगठनों और सरकारी योजनाओं की लाभार्थियों के साथ लगातार बैठकें कर रही हैं।
योजना के प्रभाव और लक्ष्य
“बीमा सखी योजना” देश में अपनी तरह की पहली पहल है, जो महिलाओं को घर बैठे आमदनी का साधन प्रदान करेगी। इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम महिला सशक्तिकरण के नए युग का सूत्रपात करने जा रहा है।
यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बनेगा और हरियाणा के साथ पूरे देश में सकारात्मक बदलाव लाएगा। “बीमा सखी योजना” का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता के साथ-साथ उनके आत्मसम्मान को बढ़ावा देना है।