Panipat आज आर्य बाल भारती स्कूल परिसर में ऋषि दयानंद की जयंती के अवसर पर मंडल स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा रोहतक के मंत्री उमेद शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि समारोह की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधान रणदीप आर्य ने की।
इस समारोह में आर्य कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की प्रधान सुमित्रा अहलावत, राजेन्द्र कोषाध्यक्ष, उप प्रधान कुलदीप कुराड, प्रधानाचार्य डॉ. अशोक आर्य, उप प्राचार्य जगदीश चहल और कार्यालय अधीक्षक सत्यवान आर्य सहित कई प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे। इस अवसर पर करनाल, पानीपत, सोनीपत और रोहतक के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य भी उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि मंत्री उमेद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि ऋषि दयानंद ने समाज में अज्ञानता, अशिक्षा, अंधविश्वास और अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया था। उन्होंने यह भी बताया कि आज दुनिया भर में आर्य समाज की 10,000 से अधिक संस्थाएं और शिक्षण संस्थाएं ऋषि दयानंद की जयंती को श्रद्धा और सम्मान के साथ मना रही हैं।
मंत्री उमेद शर्मा ने आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आगामी 9 मार्च को दयानंद मठ रोहतक में आयोजित होने वाले आर्य महासम्मेलन के बारे में भी बताया। उन्होंने इस सम्मेलन में सभी वेदिक धर्म प्रेमियों से भाग लेने की अपील की और ऋषि दयानंद की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार का आह्वान किया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय प्रधान रणदीप आर्य ने कहा कि ऋषि दयानंद का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात के टंकारा गांव में हुआ था, और उनका बचपन का नाम मूल शंकर तिवारी था। उन्होंने बताया कि ऋषि दयानंद ने सत्य की खोज में लगभग 15 वर्षों तक गहन तपस्या की और गुरु विरजानंद दण्डी के आशीर्वाद से सत्यार्थ प्रकाश की रचना की।
रणदीप आर्य ने यह भी कहा कि आज आर्य समाज की 10,000 से अधिक संस्थाएं और शिक्षण संस्थाएं छात्रों को वैदिक शिक्षा और उच्च कोटि के संस्कार देने का कार्य कर रही हैं। इसके अलावा, आर्य वीर दल के माध्यम से राष्ट्रवादी और बहादुर नागरिकों को तैयार करने का भी कार्य हो रहा है।

इस अवसर पर कई अन्य प्रमुख व्यक्ति भी मौजूद थे, जिनमें दिलबाग गगसीना, पुनीत आर्य, पंचकूला, राजेंद्र इसराना, दिलबाग जगदेव, रामेश्वर ओमपाल कालवा, जिला वेद प्रचार मंत्री जगदीश बुआना, सुभाष सलवान, नरेंद्र कालवा, विजय आर्य, बिंधल डॉ. नायाब आटा, प्रमोद घरौंडा, कुलदीप कुराड और ओमदत्त आर्य शामिल थे।
इस समारोह ने ऋषि दयानंद की शिक्षाओं और उनके योगदान को याद करने के साथ-साथ आर्य समाज के कार्यों को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।