Panipat स्काईलार्क पुल के नीचे विकलांग समाज द्वारा भाजपा के करनाल लोकसभा प्रत्याशी मनोहर लाल(Manohar Lal) खट्टर का बहिष्कार किया गया। बहिष्कार(boycot) करने का मुख्य कारण रहा कि मनोहर लाल खट्टर(Khattar) ने मुख्यमंत्री रहते समय विकलांग साथियों की मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की।
वहीं जब विकलांग प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की गई, तो उन पर जोरदार जबरदस्ती तथा बल प्रयोग किया गया, उस समय मनोहर लाल मुख्यमंत्री की कुर्सी के नशे में चूर थे। मनोहर लाल ने विकलांग समाज को अनदेखा ही नहीं की, बल्कि उनको दबाने व्यक्ति चलने का काम किया। जब हम प्रशासन से अपनी मांग रखते तो हमें कई-कई किलोमीटर जमीन पर रेंगकर प्रशासन के सामने अपनी मांगे रखनी पड़ती रही और हमारा धरना अनिश्चितकालीन रहा दिन-रात हम सड़क किनारे पड़े रहे। तब मनोहर लाल की सरकार के किसी भी प्रतिनिधि या मुख्यमंत्री ने हमारी शुद्ध लेने की बात नहीं की, आज हालात यह हो गए कि विकलांग समाज दवा कुचला समाज ही बनकर रह गया।
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने भी विकलांग नाम को बदलकर दिव्यांग नाम रख दिया, लेकिन नाम रखने से किसी की किस्मत नहीं बदलता। सरकार ने तो एक कदम यह भी नहीं उठाया कि हमारा जो विकलांग एक्ट 2016 बना हुआ है, उसको धरातल पर लागू कर दे, वह एक्ट भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा और मोदी एवं उसकी पूरी सरकार बार-बार दिव्यांग कहकर हमारा अपमान किया। इस मौके आजाद सिंह, अजय गौतम, कश्मीर सिंह, अजय भौरिया, राजीव शर्मा कुडलयाण,टिंकू चन्देल, शाहदीन खान, साइन चौहान, अनिल जागलाण, राजकुमार नम्बरदार, प्रताप आदि सहित अनेक मौजूद रहे।
किस मुंह से वोट मांग रहे मनोहर लाल
आज मनोहर लाल हम पूछना चाहते हैं कि करनाल लोकसभा में वह किस मुंह से वोट मांग रहे हैं, जब सेक्टर 12 के अंदर विकलांग साथियों पर पुलिस प्रशासन द्वारा बल प्रयोग किया जा रहा था। क्या तब खट्टर सरकार को यह एहसास नहीं था कि मुझे दोबारा उनके सामने वोट मंगानी है, उसे समय तो खट्टर सरकार कुर्सी के नशे में बेहोश हुई बैठी थी।
झूठे व्यक्ति को समाज का कोई व्यक्ति न करें वोट
आज विकलांग समाज करनाल लोकसभा प्रत्याशी मनोहर लाल खट्टर का बहिष्कार करती है और समाज से अपील करती है कि इतने झूठे व्यक्ति को समाज का कोई भी व्यक्ति वोट ना करें और ना ही हम खुद वोट करेंगे, न ही अपने परिवार को वोट करने देंगे और न ही अपने प्रीत को मनोहर लाल को वोट करने देंगे, क्योंकि मनोहर लाल ने जैसा पेड़ लगाया है, वैसा तो फल काटना पड़ेगा।