Panipat: State level workshop organized in collaboration with Women and Child Development Department.

Panipat: महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन

पानीपत

Panipat में आज एक महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें महिला और पुरुषों के बीच समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चर्चा की गई। यह कार्यशाला हरियाणा सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से और जिला प्रशासन पानीपत तथा पुलिस विभाग के सानिध्य में एसडी पीजी कॉलेज, पानीपत में आयोजित हुई।

इस कार्यक्रम का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में किया गया। कार्यशाला का विषय था – ‘स्त्री-पुरुष समानता में नागरिक दायित्व’।

प्रमुख वक्ताओं का संबोधन

कार्यशाला में प्रमुख वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय की वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. सुधा सिंह, एनसीईआरटी की प्रोफेसर डॉ. संध्या सिंह, पुणे से डॉ. सीता रश्मि, इग्नू से प्रोफेसर डॉ. शिखा राय, और पानीपत महिला थाना की इंस्पेक्टर रेखा ने अपने विचार साझा किए।

मुख्य अतिथि श्रीमती अमनीत पी. कुमार, आईएएस, प्रधान सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग, हरियाणा सरकार ने अपने संदेश में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में विभाग की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि स्त्री-पुरुष समानता समाज की नींव है और इसे मजबूत बनाने के लिए सभी सरकारी विभागों को संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

जेंडर सेंसिटाइजेशन और समान अवसर की आवश्यकता

डॉ. सुधा सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “जेंडर सेंसिटाइजेशन से ही दुनिया खूबसूरत बनेगी।” उन्होंने महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के समान अवसरों की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

डॉ. संध्या सिंह ने बताया कि “लैंगिक समानता का पाठ्यक्रम ही स्त्री-पुरुष समानता का आधार बनेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक विकास और लैंगिक समानता के बीच एक गहरा संबंध है, और इसके लिए महिलाओं को समाज के हर क्षेत्र में समान भागीदारी मिलनी चाहिए।

महिला सुरक्षा और जागरूकता

पानीपत महिला थाना की इंस्पेक्टर रेखा ने पुलिस विभाग की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस महिलाओं को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है और ‘अच्छा स्पर्श और बुरा स्पर्श’ के बारे में स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को जागरूक किया जा रहा है।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और फिल्म स्क्रीनिंग

कार्यशाला के मुख्य आकर्षण रहे ‘जिंदगी न मिलेगी दुबारा’ और ‘धरती करे पुकार’ नामक नाटक, जो सड़क सुरक्षा पर आधारित थे। इसके अलावा, चित्रकला प्रदर्शनी और डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रस्तुत की गई।

सामूहिक पहल की आवश्यकता

डॉ. रश्मि ने 21वीं सदी में महिला सशक्तिकरण को एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बताते हुए कहा कि सरकार लिंग समानता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, लेकिन इस दिशा में सामुदायिक पहल भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी से अपील की कि हम सभी मिलकर ऐसा वातावरण बनाएं, जहां महिलाओं को समान अवसर मिले और वे स्वतंत्र रूप से अपने जीवन के फैसले ले सकें।

कार्यक्रम का संचालन

कार्यशाला का मंच संचालन संस्कृति कर्मी राजीव रंजन ने किया, जिन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्यों और प्रस्तावना को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।

इस कार्यशाला में पानीपत जिले के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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